सरकार ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं, जिससे अभिभावकों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी। जन्म-मृत्यु और विवाह प्रमाण पत्र के लिए लोगों को अब कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। अब घर बैठे ही प्रमाण पत्र का पीडीएफ आपको मोबाइल पर मिल जाएगा।
अस्पताल से निकलते ही मिल जाएगा बर्थ सर्टिफिकेट
पहले की तरह सिर्फ पंजीयन कराने कार्यालय जाना होगा। इस दौरान जिस मोबाइल नम्बर को रजिस्टर्ड कराएंगे, उस पर लिंक जाएगा और उसे खोलते ही प्रमाण पत्र डाउनलोड हो जाएगा। इस महत्वपूर्ण बदलाव का उद्देश्य जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने की लंबी और थकाऊ प्रक्रिया को समाप्त करना है। अब बच्चे के जन्म के बाद अस्पताल में ही प्रमाण-पत्र तैयार होगा और माता-पिता को बच्चे के डिस्चार्ज के समय या उससे पहले ही सौंप दिया जाएगा।
डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम
सरकार ने हाल ही में इसके लिए प्रावधान कर दिए हैं। जिला रजिस्ट्रार एवं संयुक्त निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से निर्देश मिले हैं। जन्म-मृत्यु एवं विवाह प्रमाण-पत्र के पंजीकरण के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर के वाट्सऐप पर प्रमाण-पत्र भेजा जाएगा। यह पहल न केवल एक बड़ी राहत है, बल्कि यह डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है, जिससे सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और गति आएगी। साथ ही प्रमाण पत्र बनवाने वाले अभिभावकों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।
7 दिन की समय-सीमा, डिजिटल सुविधा
बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र को लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि नवजात का जन्म पंजीकरण कराने के 7 दिन के अंदर ही उसके परिवार को जन्म प्रमाण-पत्र मिल जाना चाहिए। यह प्रमाण-पत्र इलेक्ट्रॉनिक या किसी अन्य प्रारूप में भी उपलब्ध कराया जा सकता है। यह फैसला जन्म प्रमाण-पत्र की बढ़ती मांग और अभिभावकों को होने वाली असुविधा को देखते हुए लिया गया है कि अस्पताल से छुट्टी होने से पहले ही नवजात बच्चे की मां को प्रमाण-पत्र प्रदान कर दिया जाए।
व्हाट्सएप से जुड़ा मोबाइल नंबर अनिवार्य
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण के समय व्हाट्सएप से जुड़े मोबाइल नंबर को अनिवार्य रूप से दर्ज करना होगा। यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूती देने के साथ-साथ आमजन को तकनीक के जरिए सरकारी सेवाओं से जोड़ने की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है। सरकार की यह पहल न केवल प्रक्रियाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत करेगी, जिससे लाखों नागरिकों को त्वरित लाभ मिलेगा।