डोटासरा ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इतनी निष्क्रिय, निर्लज्ज और निकम्मी सरकार पहले कभी नहीं देखी। इनका ध्यान सिर्फ कुर्सी बचाने पर है, न कि जनता की सेवा पर।
‘राम भरोसे’ चल रही सरकार
डोटासरा ने राज्य सरकार को ‘राम भरोसे’ चलने वाली सरकार बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कभी दिल्ली घूमते हैं, तो कभी देव दर्शन यात्रा पर निकल जाते हैं। विभागीय समीक्षा के नाम पर सिर्फ टाइम पास हो रहा है, जबकि जनता को पानी-बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रहीं।
SI भर्ती पर सरकार की चुप्पी पर सवाल
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने एसआई भर्ती को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि डेढ़ साल से सरकार यह तय नहीं कर पा रही कि भर्ती रद्द करनी है या बहाल रखनी है। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ कहती है कि लाखों को नौकरी देगी, लेकिन जो पहले से चयनित हैं, उनके भविष्य को लेकर ही अनिर्णय की स्थिति में है। पहले 400-500 भर्ती को फर्जी बताया, अब कोर्ट में जाकर कहते हैं कि 50-55 ही गलत हैं। डोटासरा ने कहा कि लगता है पर्ची ऊपर से आई नहीं, इसलिए फैसला नहीं कर पा रहे। जब तक दिल्ली से पर्ची नहीं आ जाती, तब तक को निर्णय लेते नहीं हैं। ये बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा है।
सेप्टिक टैंक हादसे पर भी सरकार को घेरा
वहीं, जयपुर की ज्वैलरी फैक्ट्री में सेप्टिक टैंक हादसे में चार मजदूरों की मौत पर डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सीवरेज सफाई के लिए रोबोटिक मशीनें खरीदी थीं, लेकिन वर्तमान सरकार ने उन्हें गायब कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल पुराने कामों की समीक्षा के नाम पर समय काट रही है, लेकिन अब तक किसी समीक्षा का ठोस नतीजा नहीं निकला।
दुर्भावना से किया गया पंचायत परिसीमन
डोटासरा ने कहा कि पहली बार हाईकोर्ट ने सैकड़ों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए किसी प्रदेश सरकार के पंचायत परिसीमन पर स्टे लगाया है, जो इस बात का सबूत है कि यह निर्णय राजनीतिक हित साधने के लिए लिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कैसे जीते और कांग्रेस कैसे हारे, इसी सोच के आधार पर परिसीमन किया गया।
केंद्र सरकार पर भी साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए डोटासरा ने कहा कि जब युद्ध की स्थिति थी, तब कांग्रेस ने सेना के समर्थन में तिरंगा यात्रा निकाली। अब जब चुनाव है तो बीजेपी तिरंगे के नाम पर राजनीति कर रही है। प्रधानमंत्री सेना के शौर्य के पीछे छुपकर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं।