Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में अवैध बजरी खनन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने मामले में अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए CBI डायरेक्टर को 17 मार्च को व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन की अदालत ने सोमवार को सुनवाई के दौरान CBI की जांच की धीमी गति पर सवाल उठाए। कोर्ट ने पूछा कि जब पिछले साल अप्रैल 2024 में जांच के आदेश दे दिए गए थे, तो अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
इधर, CBI की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा और संसाधनों की कमी के कारण वह सभी मामलों की जांच करने में असमर्थ है। इस पर हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि CBI जैसी उच्च स्तरीय जांच एजेंसी भी अगर संसाधनों की कमी की बात कहेगी, तो न्याय की उम्मीद कैसे की जाएगी?
अवैध बजरी खनन के 416 मामले दर्ज
न्यायमित्र अधिवक्ता पुनीत सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि राजस्थान में अवैध बजरी खनन के करीब 416 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। हाईकोर्ट ने 16 अप्रैल 2024 को बूंदी सदर थाने में दर्ज एक मामला CBI को ट्रांसफर करते हुए चंबल और बनास नदी क्षेत्र में अवैध खनन से जुड़े अन्य मामलों की भी जांच के आदेश दिए थे। लेकिन फरवरी 2025 तक CBI ने केवल बूंदी सदर मामले में ही कार्रवाई की और बाकी मामलों में कोई प्रगति नहीं हुई।
पुलिस सहयोग नहीं कर रही- CBI
CBI ने हाईकोर्ट को बताया कि राज्य पुलिस जांच में कोई सहयोग नहीं कर रही है। CBI ने कहा कि स्थानीय पुलिस से पर्याप्त बल नहीं मिलने के कारण जांच में बाधा आ रही है। CBI ने अदालत में कहा कि संयुक्त जांच के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। राज्य सरकार और स्थानीय पुलिस से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा। इसके अलावा जांच के लिए जरूरी बल (नफरी) उपलब्ध नहीं कराया जा रहा।
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कोर्ट की पुलिस पर भी कड़ी टिप्पणी
हाईकोर्ट ने कहा कि राजस्थान में बजरी माफिया, पुलिस और खान विभाग की मिलीभगत से अवैध खनन हो रहा है। पुलिस और खान विभाग केवल कागजी कार्रवाई करते हैं, लेकिन जब ठोस कार्रवाई की बात आती है, तो कुछ नहीं किया जाता। अदालत ने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है, तो CBI को इस बारे में ठोस कदम उठाने चाहिए। कोर्ट ने CBI से पूछा कि जब इतने महीनों से जांच का आदेश दिया गया था, तो अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
CBI डायरेक्टर को किया तलब
बताते चलें कि हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के बाद CBI डायरेक्टर को 17 मार्च को हाईकोर्ट में पेश होना होगा। CBI को बजरी खनन से जुड़े मामलों की प्रगति रिपोर्ट देनी होगी। वहीं, राज्य सरकार से अपेक्षित सहयोग न मिलने पर कोर्ट नए आदेश जारी कर सकता है। साथ ही अगर जांच में और देरी होती है, तो हाईकोर्ट CBI और राज्य सरकार के खिलाफ कड़े कदम उठा सकता है।