अस्पताल अधीक्षक डॉ. कैलाश मीणा ने कहा कि इस समय इसके मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। डॉ. मीणा ने बताया कि वायरस के संक्रमण के लक्षण कोविड-19 जैसे ही होते हैं, जैसे खांसी, गले में घरघराहट, नाक बहना और गले में खराश। समय के साथ यह वायरस निमोनिया या ब्रोंकाइटिस का रूप भी ले सकता है। छोटे बच्चों में इस वायरस का खतरा अधिक होता है, जिससे इसके फैलने की आशंका भी बढ़ जाती है।
बता दें कि बारां जिले के छीपाबड़ौद क्षेत्र के ग्राम पंचायत भावपूरा के बादलड़ा गांव में 6 माह की बच्ची में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। इसके बाद यहां मेडिकल टीम को भेजा गया है, जो गांव में सर्वे कर रही है और यह जांच रही है कि अन्य बच्चों में भी इस वायरस के लक्षण तो नहीं दिख रहे हैं। फिलहाल इस इलाके में दूसरा मामला सामने नहीं आया है। वहीं डूंगरपुर जिले के रीछा गांव में भी मेडिकल टीम द्वारा सर्वे किया जा चुका है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार निगरानी रखी जा रही है। एचएमपीवी वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे बच्चों को संक्रमित होने से बचाने के लिए जरूरी सावधानियां बरतें।