राजस्थान में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को धमकी मिलने के सिलसिले के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। जेल प्रशासन ने जेलों में बढ़ती अवैध गतिविधियों और प्रतिबंधित सामानों की समस्या से निपटने के लिए निगरानी व्यवस्था लागू की है। डीजी जेल गोविंद गुप्ता ने आदेश जारी किया है कि गोपनीय रूप से महत्वपूर्ण सूचनाएं देने वाले प्रहरी और मुख्य प्रहरी को विशेष इनाम और प्रमोशन का लाभ दिया जाएगा।
डीजी जेल गोविंद गुप्ता ने आदेशानुसार, अधिकतर प्रहरी व मुख्य प्रहरी आदि को अवैध गतिविधियों जैसे निषिद्ध सामग्री आदि की जानकारी होती है, परन्तु विभिन्न कारणों से इन सूचनाओं पर कार्यवाही नहीं हो पाती है या उचित स्तर पर उपलब्ध नहीं करवा पाते हैं। यदि इन निम्नत्तर पद के कर्मियों को गोपनीयता, उनकी सुरक्षा एवं उनके द्वारा प्रदत्त सूचनाओं पर प्रभावी कार्यवाही होने का विश्वास हो तो इन गतिविधियों के संचलन पर प्रभावी नियंत्रण हो सकता है।
सूचना देने पर मिलेगा इनाम और पदोन्नति
आदेश में आगे लिखा गया है कि जेल में चल रही अवांछित गतिविधियों की सूचनाओं पर प्रभावी कार्यवाही करवाने हेतु प्रोत्साहित एवं विश्वस्त किया जाना आवश्यक है। ऐसे में जो भी प्रहरी व मुख्य प्रहरी आदि ऐसी अवैध सूचनाओं को महानिदेशक कारागार कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थित होकर या अन्य प्रकार से उपलब्ध करवायेगा, उसे उचित इनाम दिया जायेगा। साथ ही अतिमहत्वपूर्ण सूचनाओं पर ऐसे विशेष पदोन्नति के प्रस्तावों पर भी विचार किया जा सकता है।
CM सीएम और डिप्टी सीएम को मिली चुकी धमकी
बता दें कि हाल ही में उप-मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को जयपुर सेंट्रल जेल से जान से मारने की धमकी मिली थी। जिसके दो दिन बाद ही बीकानेर सेंट्रल जेल से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी मिली थी। इससे पहले भी दौसा जेल से सीएम को कई बार धमकी मिल चुकी है। इस मामले में उदयपुर सेंट्रल जेल के प्रहरी प्रभनलाल, जयपुर सेंट्रल जेल के प्रहरी संजय कुमार और जोधपुर जेल के प्रहरी राजेश बिश्नोइ को सस्पेंड कर दिया गया है।