जयपुर। जयपुर की विरासत को सहेजने के संदेश के साथ जयपुर आर्ट वीक की शुरुआत हुई। राजस्थान पत्रिका के सपोर्ट से आयोजित इस वीक में विरासत के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी कलाकारों ने दिया। दुनियाभर के 30 से ज्यादा कलाकार इसमें भाग ले रहे हैं और कला से युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।
सुबह 11 बजे जल महल की पाल के खुशनुमा माहौल में आर्टिस्ट नंदन घीया का ‘मंथन’ वॉक थ्रू हुआ। इसमें उन्होंने समुद्र मंथन कृति को शोकेस किया। नंदन ने कहा कि इस कृति के जरिए वे पर्यावरण के लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। यहीं पर कलाकार निशांत घीया ‘इधर उधर’ टाइटल की तस्वीरों को दर्शकों ने खूब सराहा।
उनके साथ यहां मौजूद रही जयपुर आर्ट वीक की फाउंडर सना रिजवान। सना रिजवान ने कहा कि हमारी टीम की ओर से यह जयपुर के लोगों के लिए आर्ट गिफ्ट है। जयपुर की हवेलियां, पुराना शहर, ऐतिहासिक इमारतें इन सबको सहेजने के लिए जागरूकता की जरूरत है। यहां का आर्किटेक्टचर से दुनिया के लोगों ने सीखा, लेकिन हम इन पर ध्यान नहीं दे पा रहे, यह ठीक नहीं। हमें इसे बनाए रखने और नए बनते शहरों में इस आर्किटेक्चर को अपनाने की जरूरत है, क्योंकि यह पर्यावरण के लिए अनुकूल रहा है।
वहीं दोपहर 12.30 बजे हवामहल पर लोरेंजो विट्टोरी ग्रामीण भारत को मूर्तिकला और शिल्पकारी के रूप में प्रस्तुत किया। जबकि नृत्य कलाकार मोनिक रोमेको की ‘पैसेजेस’ थीम पर मूवमेंट के जरिए ऐतिहासिक इमारतों के महत्व को समझाया। उनकी इस आर्ट को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
वहीं शाम 4 बजे अल्बर्ट हॉल पर ईरानी कलाकार अरज़ू जरगर की ‘हार्मनी गैलेक्सी’ वॉक थ्रू, टेक्सटाइल आर्टिस्ट टिंकल खत्री की ‘लुक हाउ आई एम मॉर्फिंग अंडर द सन’ वॉक थ्रू और सोशल डिजाइन कोलाबोरेटिव की वॉक थ्रू भी हुई।