जलमहल पर कला का अद्भुत ‘मंथन’
जयपुर नगर निगम हेरिटेज और लिवरपूल बाइनियल और आर्टिस्ट नंदन घीया के संयुक्त तत्वावधान में जलमहल की लहरों के पास ‘मंथन’ आर्टिस्ट वॉक थ्रू का आयोजन हुआ। इस बीच समुद्र मंथन से प्रेरित स्कल्पचर्स, तस्वीरें और टेक्सचर्स को डिस्प्ले किया गया। जयपुर के कलाकार नंदन घीया ने अपने अनूठे स्कल्पचर्स के जरिए बताया कि किस प्रकार हैरिटेज को बचाया जा सकता है और परकोटे को सुंदर दिखाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस स्कल्पचर की रिचर्स के लिए उन्हें इंग्लैंड के मर्सीसाइड लिवरपूल भी जाना पड़ा। जहां पर उन्होंने इतिहास के अवशेषों को नजदीक से समझने का प्रयास किया। उनका कहना है कि यह स्कल्पचर जयपुर के हेरिटेज को बचाने का संदेश देता है। ‘आवतो बायरो बाजे: द थंडर्स रोर ऑफ एन एंपेंडिंग स्टोर्म’ थीम पर जयपुर आर्ट वीक पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित किया जा रहा है।ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों में ‘इधर-उधर’
इस मौके पर डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफर निशांत घीया ने ‘इधर-उधर’ फोटो एग्जिबिशन में जलमहल के इर्द-गिर्द बदलती जिंदगियों को ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों के जरिए शोकेस किया। निशांत ने अपनी तस्वीरों में स्थानीय निवासियों, पर्यटकों, जानवरों और प्रकृति के सह अस्तित्व को दर्शाया। करीब 52 तस्वीरों में उन्होंने जलमहल की आबो-हवा को नजदीक से दिखाया। उनका कहना था कि जमीन से जुड़ाव रखने के मकसद से उन्होंने तस्वीरों को डिस्प्ले करने के साथ ही जमीन पर भी दर्शाया है।पर्दा गिरते ही समझ आई कहानी
हवामहल में कनाडा की कलाकार मोनिक रोमेको के साथ ‘पैसेजेस’ थीम वॉकथ्रू हुई। इसमें मेमोरी लॉस और अदृश्यता थीम को केंद्रित रखते हुए परफॉर्मेंस और इंस्टॉलेशन को प्रस्तुत किया गया। इस दौरान देसी-विदेशी पर्यटकों के बीच जैसी ही विरासत की कहानी को दर्शाते पर्दे गिरने लगे तो कलाप्रेमियों को खूबसूरती का आभास होने लगा।जयपुर की कंटेम्परेरी डांसर कमाशी सक्सेना ने इन पर्दों के इर्द-गिर्द डांस मूव्स करके बताया कि हर एक इमारत हर किसी के लिए खास होती है। क्योंकि हर एक इमारत की अपनी कहानी होती है।