खेतड़ी रियासत की 62 संपत्तियों पर कानूनी संग्राम: SC ने राजस्थान सरकार से 6 सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
ट्रस्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 22 सितंबर 2022 और 18 जनवरी 2023 को दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया।
खेतड़ी ट्रस्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश ( फोटो- एएनआई)
जयपुर। खेतड़ी रियासत के दिवंगत महाराजा सरदार सिंह की संपत्तियों को लेकर लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम निर्देश जारी किया। न्यायालय ने राजस्थान सरकार से राजस्थान एस्कीट्स रेग्युलेशन एक्ट, 1956 के तहत अधिग्रहित सभी संपत्तियों का विस्तृत विवरण छह सप्ताह के भीतर देने को कहा है। इस विवरण में संबंधित खसरा नंबरों के साथ संपत्तियों की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी मांगी गई है। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
यह आदेश खेतड़ी ट्रस्ट द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार ने इन ऐतिहासिक संपत्तियों की उचित देखरेख नहीं की और वे अतिक्रमण तथा क्षति की शिकार हो गई हैं। ट्रस्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 22 सितंबर 2022 और 18 जनवरी 2023 को दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि संपत्तियों की सुरक्षा के लिए बुनियादी इंतजाम नहीं किए गए हैं।
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भवनों की टूटी दीवारें, खुले दरवाजे
ट्रस्ट ने अपनी बात को मजबूत करने के लिए कुछ तस्वीरें भी अदालत को सौंपीं, जिनमें किलों और विरासत भवनों की टूटी हुई हालत, खुले दरवाजे और आम लोगों की बेरोकटोक आवाजाही को दिखाया गया। ट्रस्ट का कहना है कि ये स्थिति अदालत के निर्देशों और सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों के खिलाफ है।
सरकार ने खर्च किए 5 करोड़
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि किसी भी संपत्ति पर अतिक्रमण नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि अब तक इनकी मरम्मत पर पांच करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और आगे और कार्य योजना बनाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में अतिक्रमण रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
सरकार पर ताला खुला रहने का आरोप
ट्रस्ट ने यह भी आरोप लगाया कि पुरातत्व विभाग और स्थानीय प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। उदाहरण के तौर पर उन्होंने भोपालगढ़ किले का उल्लेख किया, जो बिना सुरक्षा के खुला पड़ा रहा जब तक ट्रस्ट ने खुद ताले नहीं लगवाए।
यह विवाद राजस्थान सरकार द्वारा महाराजा सरदार सिंह की 62 संपत्तियों को बिना वसीयत के होने के आधार पर अधिग्रहित करने से शुरू हुआ था। जबकि खेतड़ी ट्रस्ट एक वसीयत (30 अक्टूबर 1985) के आधार पर मालिकाना हक का दावा करता है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।