जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार रात पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में बालमुकुंद आचार्य अपने समर्थकों के साथ बड़ी चौपड़ पहुंचे थे। इस दौरान दीवारों पर पाकिस्तान मुर्दाबाद के पोस्टर चिपकाए गए। जब उनका काफिला जामा मस्जिद के पास पहुंचा तो विधायक और उनके समर्थक मस्जिद के अंदर घुस गए। उस वक्त मस्जिद में वुजु हो रहा था। इस दौरान मस्जिद के भीतर धार्मिक नारे लगाए गए। इसके अलावा सीढ़ियों पर पोस्टर चिपकाए गए और पोस्टर पर लात भी मारी गई।
घटना के बाद मस्जिद प्रशासन ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें आरोप लगाया गया कि विधायक और उनके 60-70 समर्थक अवैध गिरोह बनाकर मस्जिद में घुसे और धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की।
बालमुकुंदाचार्य पर दर्ज एफआईआर में आरोप
बीजेपी विधायक बालमुकुंदाचार्य पर दर्ज केस में उन पर चार धाराएं लगाई गई है। विधायक पर बीएनएस की धारा 298, 300, 302 और 351 (3) लगाई गई हैं। अगर विधायक पर ये आरोप साबित होते हैं तो उनको अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है। BNS धारा 298- पूजा स्थल या पवित्र वस्तु को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना। इसमें 2 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है। BNS धारा 300- धार्मिक सभा में जानबूझकर बाधा डालना। इसमें 1 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
BNS धारा 302- धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए शब्द, संकेत या आवाज का प्रयोग। इसमें 1 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है। BNS धारा 351 (3)- आपराधिक धमकी देना (मृत्यु या गंभीर नुकसान की धमकी)। इसमें 7 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
मस्जिद प्रशासन का विधायक पर आरोप
मस्जिद कमेटी द्वारा जारी शिकायत में कहा गया है कि बालमुकुंद आचार्य और उनके समर्थकों ने जानबूझकर नमाज के समय मस्जिद में घुसकर धार्मिक नारे लगाए और नमाजियों को जान से मारने की धमकी दी। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि विधायक चुनाव के बाद से धार्मिक स्थलों पर तनाव फैलाने के प्रयास कर रहे हैं और शुक्रवार की घटना उसी साजिश का हिस्सा थी।
इसका एक CCTV फुटेज भी जारी किया गया है, जिसमें मस्जिद की सीढ़ियों पर विधायक के समर्थकों की मौजूदगी दिखाई दे रही है।
पूरे मामले को लेकर पुलिस का बयान
जयपुर पुलिस के मुताबिक फिलहाल इलाके में शांति बनी हुई है। पुलिस ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।