सत्र को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल के बीच बातचीत जारी है। तीनों में सहमति बनने के बाद विधि विभाग सत्र को लेकर राज्यपाल को फाइल भेजेगा। सत्र बुलाने के लिए 21 दिन पहले फाइल राजभवन भेजी जाती है।
दो चरणों में हो सकता है बजट सत्र
प्रदेश सरकार का दूसरा सत्र पिछले वर्ष 6 अगस्त को खत्म हुआ था। विधानसभा का सत्र छह माह के अंदर बुलाना आवश्यक है। ऐसे में छह फरवरी तक सरकार को सत्र बुलाना जरूरी है। इस सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण भी होगा और उस पर बहस भी होगी। यह बजट सत्र संभवत: दो चरणों में हो सकता है। पहले चरण में राज्यपाल का अभिभाषण होगा और दूसरे सत्र में राज्य सरकार बजट पेश करेगी। स्पीकर ने अफसरों की लगाई थी क्लास
हाल ही में स्पीकर वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को विधानसभा में विधायकों के लगाए सवालों, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और विशेष उल्लेख प्रस्तावों का समय पर जवाब नहीं देने को लेकर मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित कई विभागों के एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिवों की क्लास ली। उन्होंने बैठक में कहा था कि बार-बार हिदायत देने के बावजूद सवालों के जवाब नहीं देने वाले अधिकारियों को स्पष्ट किया कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।