RGHS में बड़ा घोटाला, कमाल है…फर्जी मरीजों के 4 गुना बिल बनाकर उठा रहे भुगतान
RGHS Big Scam : राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में सामने आया बड़ा घोटाला। योजना के तहत फर्जी मरीज, इलाज की फर्जी पर्चियां और फर्जी बिल। सब कुछ फर्जी। राजस्थान के सरकारी खजाने में सेंध लगाकर कर रहे करोड़ों का वारा न्यारा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
विकास जैन RGHS Big Scam : राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में कई सरकारी और निजी अस्पतालों के चिकित्सकों सहित निजी मेडिकल स्टोर जमकर पैसा बना रहे हैं। आयुष अस्पतालों में पंचकर्म थैरेपी के नाम पर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे का खुलासा होने के बाद अब भरतपुर जिले में इस योजना के तहत फर्जी मरीज, इलाज की फर्जी पर्चियों और फर्जी बिल से सरकारी खजाने में सेंध लगाने वाला संगठित गिरोह सामने आया है।
10 मरीजों के आरजीएचएस कार्ड की जांच में मिली अनियमितताएं
भरतपुर की कशिश फार्मेसी और अपेक्स डेंटल हॉस्पिटल में सरकारी चिकित्सकों के फर्जी प्रिस्किप्शन प्रयोग में लिए गए। उक्त फार्मेसी, डॉ.विकास फौजदार और डॉ.मनीष गोयल के बीच मिलीभगत सामने आई है। 10 मरीजों के आरजीएचएस कार्ड की जांच में अनियिमतताएं मिली हैं। जिन मरीजों के नाम पर पर्चियां बनाई गई, उन्होंने डॉ.विकास फौजदार से इलाज ही नहीं लिया। भरतपुर के आरबीएम हास्पिटल में कार्यरत विनीत और बलराम नाम के दो कार्मिक पर्चे जारी करवा कर अपेक्स डेंटल को उपलब्ध कराते थे। जो अपैक्स फार्मा पर उपलब्ध मिले। यहां सरकारी अस्पताल के कर्मचारी भी फर्जी पर्चियां बनाकर निजी अस्पताल को उपलब्ध करवाने में लिप्त पाए गए हैं। आरबीएम अस्पताल भरतपुर में कार्यरत डॉ. अरुण मोहन दुबे, डॉ. विनीत गुप्ता, डॉ. धीरज बंसल की लिखित शिकायत पर शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पक्का बाग (जनता क्लिनिक), अपेक्स डेंटल हॉस्पिटल, कशिश फार्मेसी और इनसे संबंधित लाभार्थियों के संबंध में यह जांच की गई।
फार्मेसी का लाइसेंस 11 मार्च को ही सरेंडर
मौके पर कशिश फार्मेसी बंद मिली। ड्रग कार्यालय से बताया गया कि इस दुकान का लाइसेंस 11 मार्च को ही सरेंडर कर दिया गया। डॉ. गोयल लाभार्थियों के दांतों की बीमारियों के इलाज के लिए चार गुना तक राशि बढ़ाकर फार्मेसी के माध्यम से फर्जी बिल तैयार कर आरजीएचएस को प्रस्तुत करते थे।
जांच कमेटी के पहुंचने पर अपेक्स डेंटल हॉस्पिटल का मालिक डॉ. मनीष कुमार गोयल भाग गया। उनके पिता की मौजूदगी में तीन डायरियां जब्त की गई। राजकीय चिकित्सकों के सीलशुदा व हस्ताक्षरित 12 पर्चे और 1 खाली पर्चा सहित 13 पर्चे बरामद किए गए। राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय, गढ हिम्मतसिंह (दौसा) के चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज गुप्ता के नाम की रबड़ सील-मुहर मिली। डॉ. मनीष गोयल ने मरीजों की फर्जी पर्चियां डॉ.विकास फौजदार से तैयार करवाई। डॉ.फौजदार की बनाई फर्जी पर्चियों से कशिश फार्मेसी ने आरजीएचएस से भुगतान प्राप्त किया है।
बलराम के अनुसार आरबीएम अस्पताल के डॉ.विनीत गुप्ता कुछ नाम लिखी सूचियां उपलब्ध करवाते थे। जिनकी खाली पर्चियां उसे सरकारी आरबीएम अस्पताल से कटवाकर डॉ.विनीत गुप्ता को उपलब्ध करवाने होते थे। इसी तरह का नाम अपेक्स हॉस्पिटल से प्राप्त डायरी में भी मिला। जिसमें सामने आया कि विनीत नाम के व्यक्ति की यहां हाजिरी दर्ज की जा रही थी। डॉ.गोयल के अस्पताल से काफी संख्या में राजकीय अस्पताल की सील लगी पर्चियां मिली।
केस में रिकॉर्ड समय में जांच की गई है। तीनों मुख्य आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। लिप्त सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ विस्तृत जांच के बाद और भी कार्रवाई होगी। नवीन जैन, शासन सचिव, वित्त विभाग