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जयपुर

राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, नौकरीपेशा पुत्रवधू मृतक ससुर की आश्रित नहीं

Rajasthan High Court : राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला। राजस्थान हाईकोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि नौकरी पेशा पुत्रवधू को मृतक ससुर का आश्रित नहीं मान सकते हैं।

जयपुरApr 25, 2025 / 10:41 am

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan High Court Big Decision Working Daughter in Law is not Dependent on Deceased Father in Law
Rajasthan High Court : राजस्थान हाईकोर्ट ने नौकरीपेशा पुत्रवधू को मृतक ससुर का आश्रित मानने से इनकार करते हुए उसे अनुकंपा नियुक्ति का हकदार नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि पुत्रवधू को उस स्थिति में ही अनुकंपा नियुक्ति का हकदार मान सकते हैं, जब उस पर पूरे परिवार की देखभाल की जिमेदारी हो और अन्य कोई मदद के लिए नहीं हो। मृतक के बेटे की अनुकंपा नियुक्ति निरस्त करने के 20 दिसबर 2024 के आदेश को रद्द कर याचिकाकर्ता को सेवा में निरंतर माना है।

याचिका स्वीकार कर दिया आदेश

न्यायाधीश सुदेश बंसल ने रवि रावत की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि याचिकाकर्ता के पिता आनंद सिंह रावत पीएचईडी में कार्यरत थे और सेवा में उनका निधन हो गया। याचिकाकर्ता को 22 मार्च 2023 को जूनियर असिस्टेंट पद पर नियुक्ति मिल गई, लेकिन याचिकाकर्ता की पत्नी की शिकायत पर 20 दिसबर, 2024 को नियुक्ति को रद्द कर दिया गया।

याचिकाकर्ता शादीशुदा, सरकारी नौकरी में है बहू – विभाग

विभाग का कहना था कि याचिकाकर्ता शादीशुदा है और उसकी बहू भी सरकारी नौकरी में है। इसलिए उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं दे सकते। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में कहा कि उसकी शादी 2020 में हुई और उसके पिता का 9 अक्टूबर 2022 को गया। वर्ष 2022 से वह पत्नी से अलग रह रहे हैं। याचिकाकर्ता अपने पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति पाने का हकदार है, लेकिन विभाग ने नियमों के विपरीत जाकर नियुक्ति को निरस्त कर दिया। ऐसे में उसे सेवा में बहाल किया जाए।

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