सेवाएं लौटाने का आग्रह किया
राज्य सरकार ने सोमवार को राजीव कुमार शर्मा को पुलिस महानिदेशक बनाने के लिए केंद्र सरकार से उनकी सेवाएं लौटाने का आग्रह किया। इसके बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शर्मा की सेवाएं राजस्थान सरकार को लौटाने का प्रस्ताव मंगलवार को मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति को भेजा था, जिसे समिति ने बुधवार को मंजूर किया। हालांकि, पुलिस महानिदेशक नियुक्ति का आदेश बुधवार रात तक जारी नहीं हुआ।
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आज ग्रहण कर सकते हैं पदभार
संघ लोक सेवा आयोग से आए पैनल के बाद राज्य सरकार ने 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार शर्मा को रिलीव करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा था। रिलीव होने के साथ ही उनके पुलिस महानिदेशक बनने का रास्ता साफ हो गया। अब कार्मिक विभाग की ओर से पुलिस महानिदेशक नियुक्ति के आदेश जारी किए जाएंगे। वे गुरुवार को पदभार ग्रहण कर सकते हैं।
कौन हैं राजीव शर्मा?
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले राजीव शर्मा लंब समय तक केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर रहे हैं। उन्होंने राजस्थान में मुख्यत: झालावाड़, दौसा, राजसमंद, जयपुर ट्रैफिक, भरतपुर, जयपुर में पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। यही नहीं, भरतपुर और बीकानेर आईजी का पद भी संभाला है। वह एसीबी के डीजी भी रह चुके हैं। सीबीआई में संयुक्त निदेशक पद सहित विभिन्न जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
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कितने पढ़े-लिखे हैं राजीव शर्मा?
राजीव शर्मा 1990 बैच के IPS अधिकारी हैं। राजस्थान कार्मिक विभाग की वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुसार, वे एमए और एमफिल जैसी डिग्री हासिल कर चुके हैं। वहीं उनका गृह जिला मथुरा है।
कैसे होता है डीजीपी का चयन?
राज्य सरकार केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय को नए डीजीपी के चयन के लिए डीजी रैंक के अधिकारियों का पैनल भेजती है। नियमानुसार पैनल में अधिकतम 10 नाम भेजे जा सकते हैं। नाम उन्हीं के भेजे जाते हैं, जिनको पुलिस सर्विस में 30 वर्ष से अधिक का अनुभव हो और उन अधिकारियों की इच्छा हो।
कार्मिक मंत्रालय संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को राज्य सरकार का पैनल भेजेगी। इसके आधार पर यूपीएससी पैनल में डीजी रैंक के अधिकारियों की वरिष्ठता और सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर डीजीपी पद के लिए योग्य तीन अफसरों के नाम राज्य सरकार को चयन के लिए वापस भेजेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन तीन नामों में से किसी भी एक को डीजीपी पद पर नियुक्त कर सकते हैं।