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जयपुर

Rajasthan: लॉरेंस और आनंदपाल का गुर्गा गिरफ्तार, पूर्व कमांडो रह चुका है आरोपी; AGTF को मिली सफलता

Rajasthan News: राजस्थान में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने गैंगस्टरों और संगठित अपराधों के खिलाफ छेड़े गए अपने विशेष अभियान में एक और सफलता हासिल की है।

जयपुरJun 21, 2025 / 06:55 pm

Nirmal Pareek

Lawrence, Praveen and Anandpal

लॉरेंस, प्रवीण और आनंदपाल (फाइल फोटो), सोर्स- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने गैंगस्टरों और संगठित अपराधों के खिलाफ छेड़े गए अपने विशेष अभियान में एक और सफलता हासिल की है। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध एवं एजीटीएफ दिनेश एमएन के कड़े निर्देशों और सटीक रणनीति के तहत एजीटीएफ ने गैंगस्टर प्रवीण सिंह जोड़ी उर्फ प्रवीण कमांडो (43) को चूरू बायपास पर धर दबोचा।

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दिनेश एमएन ने क्या-क्या बताया?

एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि पुलिस के लिए सिरदर्द बना यह अपराधी 25 हजार रुपये का इनामी और कई संगीन मामलों में वांछित था, जिसमें हाल ही में चूरू के एक होटल में जान से मारने की नीयत से की गई फायरिंग का मामला भी शामिल है। बदमाश को चुरू जिले की कोतवाली थाना पुलिस को सौंप दिया गया है, जिससे पुलिस की टीम गहनता से पूछताछ कर रही है।
यह सफल ऑपरेशन उपमहानिरीक्षक पुलिस अपराध योगेश यादव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में किया गया है। इंस्पेक्टर सुभाष सिंह तंवर के नेतृत्व में एक विशेष टीम जिसमें एएसआई शंकर दयाल शर्मा, हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह, महावीर सिंह, सुरेश, कमल डागर, कांस्टेबल नरेश, रतिराम और कांस्टेबल चालक सुरेश शामिल थे।
इन्होंने अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए प्रवीण कमांडो के बारे में महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी जुटाई। इसी दौरान हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह को मिली जानकारी के आधार पर शनिवार को राजगढ़ रोड, चूरू बायपास पर उसे घेर कर गिरफ्तार कर लिया गया।

खाकी से खाकी के खिलाफ का सफर

गैंगस्टर प्रवीण सिंह जोड़ी पुत्र भगवान सिंह गांव जोड़ी थाना भालेरी जिला चूरू का रहने वाला है। यह कभी पुलिस विभाग का ही हिस्सा था। वर्ष 2001 में यह जिला झालावाड़ में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था। हालांकि, उसका पुलिस करियर छोटा रहा। लॉरेंस गैंग के मुख्य शूटर अंकित भादू को शरण देने और कुख्यात आनंदपाल गैंग से सक्रिय रूप से जुड़े होने के कारण उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
बर्खास्त होने के बाद प्रवीण जोड़ी ने अपराध की दुनिया में अपनी जड़ें गहरी कर लीं। वह आनंदपाल सिंह गैंग और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करने लगा। उसके मुख्य कामों में व्यापारियों के मोबाइल नंबर रोहित गोदारा और वीरेंद्र जैसे गैंगस्टरों को उपलब्ध कराना शामिल था, जिसके बाद ये गैंगस्टर्स व्यापारियों को धमकी देकर फिरौती वसूलते थे। इसके खिलाफ श्रीगंगानगर जिले के थाना जवाहर नगर एवं लालगढ़ में अपराधियों को शरण देने के तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एजीटीएफ की टीम ने इसके साथी जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू जोड़ी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। जितेन्द्र सिंह भी जोड़ी गांव का ही रहने वाला है। एजीटीएफ की टीम ने जिससे पूर्व में अत्याधुनिक हथियार दो AK-47 राइफल मैगजीन सहित और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए थे।

फायरिंग मामले में था इनामी

प्रवीण जोड़ी की गिरफ्तारी 10 महीने पहले की आपराधिक घटना के संबंध में भी महत्वपूर्ण है। 18 अगस्त, 2024 को चूरू कस्बे में स्थित होटल सनसिटी के कर्मचारी मन्जत अली (35) ने थाना कोतवाली चूरू में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ जान से मारने की नीयत से फायरिंग का मुकदमा दर्ज करवाया था।
मन्जत अली के अनुसार 17 अगस्त, 2024 की रात लगभग 10:00 बजे जब वह होटल में काम कर रहा था। तभी दो अज्ञात लड़के बाइक पर आए और होटल पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिसमें वह और उसके साथी बाल-बाल बच गये। उसके व होटल स्टाफ के शोर मचाने पर हमलावर फरार हो गए। इस संगीन मामले में प्रवीण जोड़ी पर चूरू एसपी द्वारा 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

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