जमीन और पानी आवंटन दोनों ही मामलों में उद्योग, रीको, जल संसाधन, राजस्व विभाग मिलकर काम करेंगे। कंपनी अभी गुजरात में सोलर पर काम कर रही है। सोलर पार्क के लिए कंपनी ने ही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में भी प्रस्ताव दिया था, लेकिन उस समय बात आगे नहीं बढ़ पाई थी।
सीएम भजनलाल शर्मा के प्रस्ताव पर केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने पीएम कुसुम योजना के कपोनेंट-ए के तहत पांच हजार मेगावाट के अतिरिक्त आवंटन को मंजूरी दे दी है। इससे प्रदेश में लगने वाले सोलर पैनल में केन्द्र सरकार की निर्धारित सब्सिडी मिलेगी। इससे वर्ष 2027 तक सभी किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने का टारगेट भी पूरा हो सकेगा।
ये है दोनों की स्थिति
रिन्यूएबल एनर्जी: इसके लिए अलग प्रस्ताव भेजा हुआ है। जैसलमेर, बीकानेर, जालौर, बाड़मेर, जोधपुर में जमीन तलाशी जा रही है। कंपनी ने सोलर पैनल व अन्य उपकरण की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट गुजरात में लगाई है। ग्रीन हाइड्रोजन: ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए पानी की जरूरत है। इसके लिए ऐसी जगह तलाशी जाएगी, जहां आसानी से पानी की उपलब्धता हो।
ये कंपनियां भी लाइन में
अडाणी, टोरेंट, एकमे, रिन्यू, अवाडा एनर्जी, एचएमईएल जैसी बड़ी कंपनियां भी ग्रीन हाईड्रोजन प्लांट के लिए कतार में है। इन कंपनियों ने राज्य सरकार से जमीन मांगी हुई है। हाल ही जारी क्लीन एनर्जी पॉलिसी में कई तरह की छूट दी गई है। इसमें ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन चार्ज से दस साल तक छूट भी है।