बता दें, मंत्री प्रह्लाद जोशी मंगलवार को जयपुर के एक होटल में आयोजित नवीकरणीय ऊर्जा पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2032 तक देश की ऊर्जा आवश्यकता दोगुनी होने की संभावना है।
भारत विश्व की 5 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल
उन्होंने कहा कि दस साल पहले भारत विश्व की 11वीं अर्थव्यवस्था था। सबसे तेज गति से प्रगति करते हुए देश आज 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र आगे बढ़ सकें, इसके लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। केन्द्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप 2026) के अनुसार आने वाले समय में कार्बन उत्सर्जन घटाने और पर्यावरण हितैषी ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए आने वाले वर्षों में विश्व के कई देशों में जीवाश्म ईंधन के औद्योगिक उपयोग पर हरित टैक्स लगाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाए रखने और ग्लोबल वार्मिंग से निपटते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करना हम सबका कर्तव्य है।
इस दौरान उन्होंने फ्री बिजली देने वाले राज्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ राज्य राजनीतिक कारणों से फ्री बिजली दे रहे हैं। इससे एक बड़ा आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मैं किसी राज्य पर नहीं बोल रहा, लेकिन यह व्यवस्था लंबे समय के लिए ठीक नहीं है। हमें कोशिश करनी चाहिए कि फ्री बिजली की जगह हम उपभोक्ताओं को इस तरह सक्षम बनाएं कि वे न सिर्फ सस्ती बिजली का घर में उपयोग कर सकें। सरप्लस बिजली को ग्रिड में देकर देश की जरूरतों को भी पूरा कर सके।
भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की- CM
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा के दक्ष उपयोग, नवीकरणीय स्रोतों को अपनाने और नई ऊर्जा नीतियों को विकसित करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा में बड़ी भूमिका निभायेगा और विकसित राजस्थान 2047 का संकल्प पूरा करने में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान स्वच्छ ऊर्जा नीति 2024 जारी की है जिसमें वर्ष 2030 तक 125 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में 35 लाख करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसमें भी 28 लाख करोड़ से अधिक तो अकेले ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित है। इन एमओयू से स्थापित होने वाली परियोजनाओं से प्रदेश में सौर ऊर्जा तथा पवन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
देश में राजस्थान कुसुम योजना में अग्रणी
उन्होंने कहा कि राजस्थान कुसुम योजना में देश का अग्रणी राज्य है। इस योजना में राज्य में 5 हजार मेगावाट से अधिक की सौर परियोजनाए विकसित की जा रही हैं। उन्होंने कुसुम 2.0 की शुरुआत करने का केन्द्र सरकार से आग्रह किया ताकि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे। उन्होंने राज्य को 5 हजार मेगावाट की नवीन क्षमता का आवंटन करने के लिये केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आगामी समय में कृषि विद्युत भार की पूर्ति सौर ऊर्जा से करने पर भी राज्य सरकार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने उर्जा क्षेत्र की उपलब्धियां गिनाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत राज्य में 5 लाख घरों में रूफटॉप संयंत्र लगाए जाने की प्रक्रिया चल रही है और अब तक लगभग 25 हजार घरों पर संयंत्र लगाए जा चुके हैं। सभी राजकीय भवनों को सोलर एनर्जी से लैस करने का कार्य शुरू कर अब तक 489 मेगावाट के एलओए हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल पर जारी किए जा चुके हैं। इन लक्ष्यों की प्राप्ति से ना केवल राज्य में निवेश बढ़ेगा बल्कि इससे नवीन रोजगार एवं व्यवसाय में भी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और हाइब्रिड ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए 2000 मेगावाट के नवीन सोलर पार्क की स्वीकृति से राज्य में सौर परियोजनाओं को गति मिलेगी।
कई राज्यों के मंत्री-अधिकारी उपस्थित रहे
बता दें, समीक्षा बैठक के उद्घाटन सत्र में हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज, हिमाचल प्रदेश के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, आवास प्रबंध मंत्री राजेश धर्माणी, जम्मू-कश्मीर के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग मंत्री सतीश कुमार शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर केन्द्रीय सचिव एमएनआरई निधि खरे, केन्द्रीय अतिरिक्त सचिव एमएनआरई सुदीप जैन सहित राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।