scriptRichter Scale Day: भूकंप से धूज रही धरती, तीव्रता का आकलन, लेकिन अलर्ट की तकनीक का इंतजार | Richter Scale Day: Earthquake shaking the earth, intensity assessed, but waiting for alert technology | Patrika News
जयपुर

Richter Scale Day: भूकंप से धूज रही धरती, तीव्रता का आकलन, लेकिन अलर्ट की तकनीक का इंतजार

राजस्थान में जयपुर,जोधपुर शहर भूकंप से जानमाल के नुकसान की आशंका कम है। अलवर और भरतपुर क्षेत्र अतिसंवेदनशील क्षेत्र में शामिल हैं। जहां अधिक ​तीव्रता वाले भूकंप आने की आशंका हरदम बनी रहती है।

जयपुरApr 26, 2025 / 09:38 am

anand yadav

Richter Scale Day

Earthquake: देश विदेश में होने वाली भूकंपीय हलचलों से धरती कांपने लगी है। पिछले कुछ वर्षों में ज्यादा तीव्रता वाले आए भूकंप के तेज झटकों से विश्व में बड़े स्तर पर जानमाल की हानि भी हुई है। अब तक भूगर्भीय भूकंप की हलचल की तीव्रता के आकलन को लेकर तो अविष्कार हुआ लेकिन अभी तक भूकंप आने के पूर्वानुमान को लेकर तकनीक के इजाद होने का इंतजार है।

राष्ट्रीय रिक्टर स्केल दिवस आज

राष्ट्रीय रिक्टर स्केल दिवस हर साल 26 अप्रैल को चार्ल्स एफ. रिक्टर के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। जिन्होंने रिक्टर स्केल का आविष्कार किया था। रिक्टर स्केल भूकंप की तीव्रता मापने के लिए उपयोग किया जाने वाला उपकरण है। यह अविष्कार भूकंप विज्ञान में रिक्टर के महत्वपूर्ण योगदान तथा भूकंप के झटकों की तीव्रता के आकलन को लेकर क्रांतिकारी अविष्कार माना गया है।

भूकंप आने के कारण

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
Richter Scale

भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6 हजार से ज्यादा रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

राजस्थान में भूकंप का विश्लेषण

राजस्थान में भूकंप का खतरा हर समय रहता है। भले ही यह अन्य भूकंपीय सक्रिय क्षेत्रों की तुलना में कम हो। राजस्थान को भूकंपीय रूप से कम सक्रिय माना जाता है, और इसके चित्तौड़गढ़ और जोधपुर में भूकंप का जोखिम सबसे कम है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में भूकंप की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

इन जिलों में भूकंप का सर्वाधिक खतरा

राजस्थान का अधिकांश हिस्सा भूकंपीय जोन 2 में आता है, जो कम जोखिम वाला क्षेत्र है। हालांकि अलवर एनसीआर,भरतपुर, बाड़मेर अधिक संवेदनशील माने गए हैं। यानि इन क्षेत्रों में अधिक तीव्रता और अधिक संख्या में भूकंप आने की आशंका हर समय बनी रहती है।
Earthquake
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जयपुर- जोधपुर कम संवेदनशील

जयपुर और जोधपुर जैसे शहर भूकंप के झटकों के लिए कम संवेदनशील माने जाते हैं क्योंकि ये जोन 2 में आते हैं, जो कम भूकंपीय जोखिम वाला क्षेत्र है। हालांकि, ये पूरी तरह से भूकंप-सुरक्षित नहीं हैं और हल्के झटकों को झेल सकते हैं।

राजस्थान में प्रमुख भूकंप

जयपुर में आखिरी भूकंप 21 जुलाई 2023 को आया था। 4:09 बजे और 4:23 बजे के बीच दो झटके महसूस किए गए थे, जिनकी तीव्रता क्रमशः 4.4 और 3.1 थी। 6 जून 2023 को बीकानेर के पास 4.3 तीव्रता का भूकंप आया। 21 जुलाई 2021 को बीकानेर में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया। 2 फरवरी 2025 को बीकानेर में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया।
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भूकंप से बचाव के उपाय

भूकंप से संभावित जानमाल की हानि को कम करने की कवायद अब शुरू हो गई है। भवन निर्माण से लेकर आपाकालीन योजनाओं में भूकंप से बचाव को लेकर तकनीक अब काम में ली जा रही है। गगनचुंबी इमारतों का निर्माण हो गया बड़े बांध। सभी में भूकंपरोधी निर्माण सामग्री का उपयोग प्रमुखता से होने लगा है।

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