scriptRajasthan: शनिवार को साल का सबसे लंबा दिन, सूर्यदेव कल सुबह होंगे दक्षिणायन… जानिए, प्रदेश में क्या रहेगा प्रभाव | Saturday is the longest day of the year, Sun God will move towards Dakshinayan tomorrow morning… signs of heavy rain | Patrika News
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Rajasthan: शनिवार को साल का सबसे लंबा दिन, सूर्यदेव कल सुबह होंगे दक्षिणायन… जानिए, प्रदेश में क्या रहेगा प्रभाव

21 जून को वर्ष का सबसे लंबा दिन होगा, जिसकी अवधि 13 घंटे 42 मिनट रहेगी। अगले दिन 22 जून को सुबह 6:20 बजे सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, जिससे वर्षा ऋतु की शुरुआत मानी जाती है।

जयपुरJun 20, 2025 / 09:53 am

anand yadav

21 जून को इस साल का सबसे लंबा दिन, पत्रिका फोटो

जयपुर.ग्रहों के अधिपति और नवसंवत्सर-2082 के प्रधानमंत्री सूर्यदेव 21 जून को सुबह 8:12 बजे कर्क राशि में प्रवेश (सायन) करते हुए दक्षिण दिशा की ओर गति करेंगे। इसी दिन सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन होंगे, जिससे खगोलीय, ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टि से यह दिन विशेष माना जा रहा है।

साल का सबसे लंबा दिन कल

21 जून को वर्ष का सबसे लंबा दिन होगा, जिसकी अवधि 13 घंटे 42 मिनट रहेगी। अगले दिन 22 जून को सुबह 6:20 बजे सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, जिससे वर्षा ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह संयोग कर्क, मेष, मिथुन, तुला और मीन राशियों के लिए शुभ रहेगा। इससे तेज बारिश के योग बनेंगे और मानसून पूरी तरह से सक्रिय होगा।
कर्क रेखा राजस्थान के बांसवाड़ा क्षेत्र से होकर गुजरती है, जहां मध्यान्ह में ‘शून्य छाया दिवस’ रहेगा, यानी उस समय परछाईं नहीं बनेगी। जयपुर में सूर्योदय सुबह 5:37 बजे और सूर्यास्त शाम 7:19 बजे होगा।
पत्रिका फोटो

ज्योतिषीय विश्लेषण

ज्योतिषाचार्य डॉ. मेघा शर्मा ने बताया कि, 21 जून को ग्रीष्म अयनांत के साथ मकर रेखा पर सूर्य लंबवत होंगे। यह दिन भारत में वर्ष का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात मानी जाती है। सूर्य के दक्षिणायन के साथ वैवस्वत मन्वंतर की शुरुआत होती है, जो वर्तमान में चल रहा सातवां मन्वंतर है और यह 71 चतुर्युगी तक चलता है। इस बार सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में सौम्य और सुकर्मा योग में प्रवेश करेंगे। यह ऊर्ध्वमुख नक्षत्र है, जिसमें बीज बोना और खेती जैसे कार्य शुभ माने जाते हैं। मघा, पुष्य और अश्लेषा नक्षत्रों में इस बार अधिक वर्षा की संभावना जताई गई है।
कृष्णमूर्ति ज्योतिषाचार्य पं. मोहनलाल शर्मा ने बताया कि सूर्यदेव के साथ इस समय बुध और गुरु की युति होगी, जो अच्छी वर्षा के संकेत हैं। रोहिणी नक्षत्र का वास समुद्र तट पर माना गया है, जिससे तेज हवाएं और मानसूनी गतिविधियां बढ़ सकती हैं।

धार्मिक परंपरा

ज्योतिषाचार्य पं. मोहनलाल ने बताया कि सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश को धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना गया है। पूर्वांचल और अन्य क्षेत्रों में इस अवसर पर पारंपरिक ‘आर्द्रा नक्षत्र थाली’ बनाई जाती है, जिसमें दलपुरी, खीर, मौसमी सब्जियां और आम शामिल होते हैं।

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