उन्होंने कहा कि क्रिस्टल क्लियर है, SOG ने कह दिया, पुलिस मुख्यालय ने कह दिया, एजी ने अपनी राय दे दी, कैबिनेट सब कमेटी ने कह दिया, इसका मतलब सरकार की राय है कि पेपर रद्द होना चाहिए।
सरकार की व्यस्तता से हुआ देरी
एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार को जवाब देने में देरी जरूर हुई है, लेकिन इसकी वजह राइजिंग राजस्थान समिट, प्रधानमंत्री के दौरे और उपचुनाव जैसी व्यस्तताएं थीं। उन्होंने कहा कि मैं सरकार का छोटा सा अंग हूं। मुख्यमंत्री ही तय करेंगे कि कोर्ट में क्या जवाब पेश करना है। लेकिन मुझे लगता है कि बहुसंख्यक अभ्यर्थियों की मांग मान ली जाएगी। हाईकोर्ट ने दिया सरकार को अल्टीमेटम
बताते चलें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो दिनों के भीतर स्पष्ट जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अगर सरकार तय समय में जवाब नहीं देती, तो यह माना जाएगा कि वह एसओजी, पुलिस मुख्यालय, अटॉर्नी जनरल और कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार कर चुकी है।
दरअसल, एसआई भर्ती 2021 को लेकर पहले ही कई खुलासे हो चुके हैं। एसआईटी, एजी और कैबिनेट सब कमेटी ने भर्ती रद्द करने की सिफारिश की है। हाईकोर्ट ने भी 13 अगस्त की एसआईटी रिपोर्ट, 14 सितंबर की एजी राय और कैबिनेट सब कमेटी की बैठकों का पूरा विवरण तलब किया है। हाईकोर्ट का रुख इस मामले में बेहद सख्त है। अदालत ने स्पष्ट कहा है कि यदि कोर्ट के आदेशों की अवमानना हुई, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या है SI भर्ती का मामला?
गौरतलब है कि एसआई भर्ती 2021 में पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। एसओजी अब तक 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से 25 को जमानत मिल चुकी है। वहीं, पुलिस विभाग ने 20 ट्रेनी एसआई को सस्पेंड कर दिया है। हाल ही में जयपुर और उदयपुर रेंज में 11, बीकानेर रेंज में 8, और अजमेर रेंज में 1 ट्रेनी एसआई को निलंबित किया गया। इधर, हाईकोर्ट ने पहले ही ट्रेनी एसआई की पोस्टिंग और पासिंग आउट पर रोक लगा दी थी। अब सभी की नजरें भजनलाल सरकार की ओर से दिए जाने वाले जवाब और हाईकोर्ट के फैसले पर हैं।