दरअसल, बीते वर्ष 21 नवबर को कोर्ट ने आदेश में कहा कि 200 फीट बाइपास से खातीपुरा तिराहे तक सड़क की चौड़ाई 48 मीटर और खातीपुरा तिराहे से झाड़खंड मोड़ तक 30 मीटर है। इसके बाद जेडीए जोन सात की टीम सक्रिय हुई और 29 नवबर को जोन उपायुक्त की ओर से शपथ पत्र पेश किया गया, इसमें जेडीए ने कहा कि खातीपुरा तिराहे से झाड़खंड मोड़ तिराहे तक भी सड़क की चौड़ाई 48 मीटर है। टाइपिंग त्रुटि के चलते 30 मीटर अंकित हो गया।
दो माह बाद सड़क को फिर बताया 30 मीटर का
सपर्क पोर्टल पर स्थानीय लोगों ने शिकायत की। 28 जनवरी को जेडीए ने जवाब दिया। इसमें जेडीए ने बताया कि 200 फीट बाइपास से खातीपुरा तिराहे तक सड़क 48 मीटर और खातीपुरा तिराहे से झाड़खंड मोड़ तक सड़क 30 मीटर है। यानी दो माह बाद एक बार फिर जेडीए के अधिकारियों ने सड़क को 30 मीटर का ही बताया। शिविर में व्यापारियों ने दिए थे साक्ष्य
कार्रवाई प्रक्रिया के तहत हो, इसके लिए जेडीए जनप्रतिनिधियों के यहां गए थे। पूरी बात समझाई गई। जनप्रतिनिधियों ने आश्वस्त किया था कि कार्रवाई नहीं होगी। इसके बाद भी जेडीए ने व्यापारियों को अतिक्रमणकारी घोषित कर दिया। जबकि, दो दिन के शिविर में व्यापारियों से साक्ष्य दिए थे। –
भवानी सिंह राठौड़, अध्यक्ष, खातीपुरा व्यापार मंडल