गोदारा ने कहा कि विभाग द्वारा गत वर्ष गिव अप अभियान शुरू करने का उद्देश्य वंचित वर्गों को उनका हक दिलाना है। अभियान के माध्यम से खाद्य सुरक्षा प्राप्त सक्षम/अपात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इससे जो अनाज बचेगा उसे राज्य सरकार वंचित पात्र लाभार्थियों को देकर उन्हें खाद्य सुरक्षा दे सकेगी।
अब 31 मार्च तक चलेगा गिव अप अभियान
गोदारा ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत खाद्य सुरक्षा सूची में आने वाले सक्षम/अपात्र लाभार्थियों से स्वेच्छा से अपना नाम हटाने के लिए 28 फरवरी तक गिव अप अभियान चलाया जा रहा है। अभियान को मिल रही सफलता को देखते हुए एवं अधिक से अधिक वंचित पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसकी अवधि अब 31 मार्च तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि जो अपात्र/सक्षम लोग एनएफएसए से किसी कारणवश अब तक अपना नाम हटवा नहीं पाए हैं, वे इस निर्णय का लाभ लेते हुए खाद्य सुरक्षा छोड़ें ताकि उनके स्थान पर पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा दी जा सके। अगर सक्षम /अपात्र व्यक्ति खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम स्वत: नहीं हटवाते है तो उनके विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
12 लाख से अधिक सक्षम/अपात्र लोगों ने छोड़ी खाद्य सुरक्षा
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि गत वर्ष 1 नवंबर को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा गिव अप अभियान प्रारंभ किया गया था। तब से आज तक 12 लाख 7 हजार 32 व्यक्तियों द्वारा स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाया गया है।
7 लाख से अधिक नए लाभार्थियों को मिली खाद्य सुरक्षा
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि गत गणतंत्र दिवस के अवसर पर खाद्य सुरक्षा पोर्टल को पुन: प्रारंभ किया गया था। तब से अब तक लगभग 7 लाख 55 हज़ार लोगों के नाम पोर्टल पर जोड़े जा चुके है। उन्होंने कहा कि पोर्टल के पुन: प्रारंभ होने से लाखों वंचित लोगों को खाद्य सुरक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।