वहीं, बुधवार को राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 को भी पेश किया जाएगा, जिसे कैबिनेट पहले ही पारित कर चुकी थी। साथ ही राजस्थान भूजल प्रबंधन प्राधिकरण बिल आज विधानसभा में बहस के बाद पारित किया जाएगा।
महाविद्यालय स्थापना पर मंत्री का जवाब
विधायक रेवंतराम डांगा ने खींवसर के पांचौड़ी और हरसोलाव में महाविद्यालय स्थापना को लेकर सवाल किया। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने जवाब देते हुए कहा कि राजकीय महाविद्यालय खोलने की प्रक्रिया राज्य सरकार की सतत योजना का हिस्सा है। हालांकि, अभी इन क्षेत्रों में कॉलेज खोलने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
लॉजिस्टिक्स को उद्योग का दर्जा देने पर चर्चा
विधायक छोटू सिंह ने वेयरहाउस, धर्म कांटा और कोरियर को उद्योग का दर्जा देने को लेकर सवाल किया। इस पर उद्योग मंत्री केके विश्नोई ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार लॉजिस्टिक्स सेक्टर के विकास को प्रोत्साहित करने पर विचार कर रही है। जैसलमेर जिले में छह औद्योगिक क्षेत्र पहले से मौजूद हैं, और जरूरत पड़ने पर नए औद्योगिक क्षेत्रों में वेयरहाउस को शामिल किया जाएगा। विधायक उदयलाल ने घोड़ों का खेड़ा में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण को लेकर सवाल किया। इस पर राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने जवाब दिया कि अतिक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और बेदखली के आदेश जारी कर दिए गए हैं। दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गोचर भूमि के नियम विरुद्ध उपयोग पर सवाल
विधायक विनोद कुमार ने गोचर और ओरण भूमि के नियम विरुद्ध भू-परिवर्तन से जुड़ा सवाल उठाया। UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जवाब देते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में भू-उपयोग परिवर्तन से संबंधित कोई अनुचित सिफारिश नहीं दी गई है। अगर कोई अवैध परिवर्तन हुआ है, तो उसकी जांच एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी।
लाडनूं के विकास कार्यों पर सदन में नोकझोंक
लाडनूं में विकास कार्यों से जुड़े सवाल पर सदन में सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बीच नोकझोंक देखने को मिली। विधायक मुकेश भाकर के अनुपस्थित रहने पर गर्ग ने मजाकिया लहजे में कहा कि इतना महत्वपूर्ण प्रश्न है ठेकेदारों के खिलाफ है, मुझे आशंका है की ठेकेदारों ने उनका अपहरण कर लिया होगा। इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आपत्ति जताई और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने स्पष्ट किया कि सवाल लगाने वाले विधायकों को सदन में उपस्थित रहना चाहिए, ताकि सही जवाब मिल सके।
JJM योजना पर विधायक ने उठाए सवाल
खंडार विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजना के तहत कार्यों की प्रगति और अनियमितताओं को लेकर विधायक जितेंद्र कुमार गोठवाल ने सवाल उठाए। विधायक ने आरोप लगाया कि योजना के तहत अभी तक एक भी काम पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ है, फिर भी ठेकेदारों के बिल पास कर दिए गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर किस राजनीतिक दबाव में ये बिल पास किए गए और मांग की कि जिन ठेकेदारों के बिल पास हुए, उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाए। विधायक ने यह भी दावा किया कि 200 फीट पाइपलाइन डालने का ठेका दिया गया, लेकिन केवल 100 फीट पाइपलाइन डालकर ही ठेकेदारों ने भुगतान उठा लिया। इसके जवाब में जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि खंडार विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत 182 टेंडर जारी किए गए थे और 35,000 से अधिक कनेक्शन दिए जा चुके हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि कई जगहों से घटिया पाइप और अन्य समस्याओं की शिकायतें मिली हैं, जो पूरे राज्य में एक आम समस्या है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि विभाग एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाएगा, जो विधायक के निर्देशन में सभी शिकायतों की जांच करेगी। दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और यदि जरूरत पड़ी तो दोबारा काम कर नई पाइपलाइन डाली जाएगी।
मंत्री ने आगे कहा कि खंडार विधानसभा के हर व्यक्ति को पानी उपलब्ध कराया जाएगा। विधायक ने बताया कि क्षेत्र की 292 में से 191 गांवों की स्कीम स्वीकृत हो चुकी है, जबकि 57 गांवों को ईसरदा परियोजना से जोड़ा जाएगा। जहां-जहां पुराने जल स्रोतों में परेशानी है, उन्हें ठीक किया जाएगा। साथ ही, यदि गलत तरीके से कोई भुगतान किया गया है, तो उसकी भी जांच कराई जाएगी।