गैंग पहले दिन में उन इलाकों की पहचान करता जहां ट्रांसफॉर्मर खेतों या सुनसान इलाकों में लगे हों। गैंग के सदस्य दिन में इलाकों की रैेकी करते थे और रात 10-11 बजे बाइक से अलग-अलग दिशाओं से निकलकर ट्रांसफॉर्मरों को खोलते थे। डीपी काटते, तांबे की क्वायल और तेल निकालते और फिर अलग-अलग रास्तों से फरार हो जाते। हर ट्रांसफॉर्मर से 70-80 हजार का माल उड़ाना इनका रोज का सा खेल बन चुका था। 17 मार्च की रात को ही गोलावास, बिजौरावास और बूढ़वाल गांवों में लगे ट्रांसफॉर्मर को निशाना बनाया। पूरी वारदात को इतनी सफाई से अंजाम दिया गया कि बिजली विभाग को भी अगले दिन सुबह खबर लगी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीमराना शालिनी राज तथा उपअधीक्षक वृत बहरोड कृतिका यादव के सुपरविजन में थानाधिकारी सीमा सिनसिनवार के नेतृत्व में गठित टीम ने घटनास्थल के आसपास बहरोड़, नीमराना, पनियाला, शाहजहापुर, कोटपूतली, सरुण्ड व राजमार्ग 48 के होटलो पर लगे करीब 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले, मुखबिरों से जानकारी जुटाई और नीमराना, पनियाला, सरुंड, कोटपूतली, दौसा, रींगस, सवाई माधोपुर सहित कई जिलों में दबिश दी। अंतत: दोनों आरोपियों सोनु उर्फ राकेश बावरिया पुत्र हरिराम उर्फ नानगा बावरिया (22वर्ष) निवासी भूरी भडाज, थाना प्रागपुरा व महेश पुत्र भोलाराम बावरिया (24वर्ष) निवासी भूरी भडाज,थाना प्रागपुरा जिला कोटपूतली बहरोड को धर दबोचा गया। आरोपियों की गिरफ्तारी में कांस्टेबल मोहनलाल और शेरसिंह की विशेष भूमिका रही जिनकी सतर्कता और मेहनत से यह गैंग पकड़ी गई।
इन दोनों आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में साथियों के साथ 38 वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली है, जिनमें नीमराना, बहरोड़, नारायणपुर, मुण्डावर, पनियाला और कोटपूतली के इलाके शामिल हैं। जयपुर डिस्कॉम को अब तक लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है।
सोनू बावरिया और महेश बावरिया पर पहले से कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं जो ज्यादातर चोरी और बिजली अधिनियम के तहत है। यह गैंग पहले भी कई बार पुलिस को चकमा देकर बच निकली थी, लेकिन इस बार पुलिस की पैनी नजर से नहीं बच सकी।
गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में लगातार दबिश दे रही है। पुलिस के अनुसार जल्द ही पूरी गैंग को गिरफ्तार कर नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा।