उन्होंने कहा कि कि देश में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दूसरे राज्यों में भी किसान हैं, और अगर पाकिस्तान जाने वाले पानी को पंजाब सरकार रोकती है, तो देश के दूसरे राज्यों के किसानों को भी पर्याप्त पानी मिलेगा।
ERCP योजना किसानों के लिए वरदान- खर्रा
वहीं, ERCP को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री खर्रा ने कहा, ‘ERCP सालों से लंबित परियोजना थी। भारत का जल संसाधन अब तक सही रूप से नहीं हो पाया था। अटल बिहारी वाजपेयी ने देश की नदियों को जोड़कर किसानों को फायदा पहुंचाने वाला निर्णय किया था। लेकिन 2004 में सत्ता परिवर्तन के बाद आई नई सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने कहा कि अगर हिन्दुस्तान के जल संसाधन का सही तरह से सदुपयोग हो तो भारत पूरी दुनिया के खाने लायक अनाज पैदा करने की क्षमता रखता है। मैं यकीन से कह सकता हूं कि ERCP योजना राजस्थान के 21 जिलों में रहने वाले किसानों के लिए वरदान साबित होगी। इससे उत्पादकता बढ़ेगी, किसानों की खुशहाली बढ़ेगी। मजदूर को स्थानीय स्तर पर मजदूरी करने का अवसर मिलेगा। ये योजना 21 जिलों में खुशहाली लाने का रास्ता बनेगी।
यमुना समझौते पर क्या बोले खर्रा?
खर्रा ने यह बयान यमुना जल समझौते को लेकर पूछे गए सवाल पर दिया। बीजेपी मंत्री ने कहा कि जब यमुना जल समझौता हुआ, तब वहां की सभी विरोधी पार्टियों ने यह घोषणा की थी कि वे किसी भी रूप में इस समझौते को लागू नहीं होने देंगे। हरियाणा में चुनावों में भी विरोधी पार्टियों के घोषणा पत्र में इसका जिक्र था, लेकिन हरियाणा के किसानों ने इस बात को समझा कि राजस्थान में भी हमारे किसान भाई ही रहते हैं।
इसीलिए उन्होंने विरोधी पार्टी की हर घोषणा को नकारते हुए भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान किया। इससे फैसले से यमुना का जल राजस्थान में लाने का रास्ता बना है। आने वाले 1 या 2 सालों में यह योजना भी धरातल पर उतरेगी।