पलायन का प्लान, पोस्टरों से सजा शहर
नाराज़ निवासियों ने चारभुजा मंदिर और दादूद्वारा में बैठक कर बड़ा फैसला लिया—अपने मकान बेचकर सांभर छोडऩे का! गलियों में मकानों पर “बिकाऊ” के पोस्टर चस्पा कर दिए गए हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि बार-बार शिकायत के बावजूद जलदाय विभाग के कानों पर जूं नहीं रेंगती। पहले भी धरने-प्रदर्शन हुए, लेकिन पानी की समस्या जस की तस।
जनता का गुस्सा “पानी नहीं, तो सांभर में रहना नहीं”
लोगों का कहना है कि पानी की इस विकराल समस्या ने जीना मुहाल कर दिया है। विभाग की बेरुखी और आधे-अधूरे समाधानों से तंग आकर अब पलायन ही आखिरी रास्ता दिख रहा है। क्या सरकार और जलदाय विभाग अब भी चुप्पी साधे रहेगा, या सांभर की प्यास बुझाने का कोई ठोस कदम उठेगा? पोस्टर, धरने और पलायन की चेतावनी से क्या अब जागेगी सरकार?