मोना ने SI भर्ती परीक्षा तो दी थी लेकिन पास नहीं हो सकी। इसके बावजूद उसने सोशल मीडिया पर यह झूठ फैला दिया कि उसका सिलेक्शन हो गया है। इस झूठी सक्सेस स्टोरी को उसने इतनी सफाई से पेश किया कि गांववालों और रिश्तेदारों ने उसे बधाइयां तक दी। उसने खुद को मेहनती और आर्थिक रूप से कमजोर बताया जिससे उसकी झूठी सक्सेस स्टोरी पर हर कोई विश्वास करने लगा।
इसके बाद वह सीधे पुलिस एकेडमी पहुंच गई और वहां रहने लगी। उसने पुलिस की वर्दी पहनी, बैच लगाया और कई ट्रेनिंग सेशन्स में भी हिस्सा लिया। वह एकेडमी के अंदर इस तरह घुल-मिल गई जैसे वह बाकी ट्रेनी एसआई की तरह सेलेक्ट होकर आई हो। जिससे किसी को शक भी नहीं हुआ।
पकड़े जाने के डर से नहीं लेती थी इनडोर क्लास
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मोना का नाम किसी भी बैच की ऑफिशियल लिस्ट में नहीं था। वह जानबूझकर केवल आउटडोर एक्टिविटी जैसे ड्रिल और प्रोग्राम में ही शामिल होती थी जहां अटेंडेंस का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था। वह इनडोर क्लास से दूर रहती थी क्योंकि वहां अटेंडेंस होती थी।
ऐसे आई पकड़ में
एकेडमी की पूरी डिटेल्स निकालकर उसने सिस्टम को समझा ताकि किसी को शक न हो लेकिन एक दिन एक ट्रेनी SI ने उससे पूछ लिया कि वह किस बैच की है। मोना ने खुद को ‘इंटेलिजेंस ब्यूरो’ की कैंडिडेट बताकर बात टालनी चाही लेकिन शक बढ़ने पर उसी अधिकारी ने सभी बैच लिस्ट देखी। जब उसका नाम कहीं नहीं मिला तो एकेडमी ने जांच शुरू की। जांच में खुलासा हुआ कि मोना ने एसआई एग्जाम पास ही नहीं किया था फिर भी वह 2 साल से एकेडमी में ट्रेनिंग ले रही थी।
शिकायत के बाद हुई FIR
29 सितंबर 2023 को RPA की ओर से शास्त्री नगर थाने में मोना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। अब पुलिस ने उसे सीकर से पकड़ा है और पूछताछ कर रही है।