दुर्ग का विस्तृत दौरा किया
शेखावत ने सुबह सोनार दुर्ग की घाटियों की पैदल चढ़ाई करते हुए एक-एक स्थान का बारीकी से जायजा लिया। इस दौरान साथ चल रहे एएसआइ के अधिकारियों को उनके संरक्षण को लेकर दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विश्व धरोहर सूची में दर्ज इस किले का अपना एक गौरवमय इतिहास है। किले के प्राचीन स्वरूप एवं सौंदर्य को बनाए रखना हम सब दायित्व है। साथ ही उन्होंने जैसलमेर के समृद्ध इतिहास के बारे में जानकारी लेते हुए सोनार दुर्ग के बाहरी स्वरूप एवं संकरी गलियों का अवलोकन किया।
प्राचीन स्वरूप लौटाने पर जोर
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को किले की क्षतिग्रस्त दीवारों व जगह जगह कमजोर हो रहे पुराने छज्जों एवं अन्य भागों का जीर्णोद्धार कर इसके प्राचीन स्वरूप एवं सौंदर्य को लौटाने व सुरक्षित एवं संरक्षित करने पर जोर दिया। साथ ही इसके उचित रख-रखाव के निर्देश दिए। उन्होंने ऐतिहासिक स्थलों एवं राजप्रासाद संग्रहालय का अवलोकन कर यहां प्रदर्शित प्राचीन ऐतिहासिक भीति चित्रों व संग्रहित शस्त्रों को अद्भुत खजाना बताया। केंद्रीय मंत्री ने नगर आराध्य देव लक्ष्मीनाथ मंदिर में दर्शन एवं पूजा अर्चना कर देश-प्रदेश की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। इस दौरान पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी, जिला प्रमुख प्रताप सिंह सोलंकी, जिला कलक्टर प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी, उपखंड अधिकारी सक्षम गोयल, भाजपा जिलाध्यक्ष दलपत राम हिंगड़ा, कंवराज सिंह आदि उनके साथ रहे।
दुर्गवासियों से संवाद
भगवान लक्ष्मीनाथ के मंदिर प्रांगण में केंद्रीय मंत्री शेखावत का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया। निवर्तमान सभापति हरिवल्लभ कल्ला ने शॉल ओढ़ाई। इस अवसर पर दुर्गवासियों ने अपनी समस्याओं के समाधान की मांग मंत्री से की। उन्होंने एएसआइ की तरफ से दुर्ग संरक्षण में कोताही बरतने का आरोप लगाया। शेखावत ने कहा कि दुर्ग के मौलिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए दुर्गवासी भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि एएसआइ के अधिकारी अगर कुछ गलत करते हैं तो उनके पास इलाज है।