scriptगोडावण के 9 चूजों की ‘घर वापसी’, ऑपरेशन सिंदूर के समय अजमेर शिफ्ट किया गया था | 'Homecoming' of 9 chicks of Great Indian Bustard, shifted to Ajmer during Operation Sindoor | Patrika News
जैसलमेर

गोडावण के 9 चूजों की ‘घर वापसी’, ऑपरेशन सिंदूर के समय अजमेर शिफ्ट किया गया था

गत मई माह में भारतीय सैन्य बलों की अेार से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर से उपजे तनावपूर्ण हालात में जैसलमेर से सुरक्षा कारणों से अजमेर जिले में भेजे गए गोडावण के चूजों को हालात सामान्य होने पर जैसलमेर जिले में उनके च्घरज् बुला लिया गया है।

जैसलमेरJun 27, 2025 / 08:54 pm

Deepak Vyas

गत मई माह में भारतीय सैन्य बलों की अेार से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर से उपजे तनावपूर्ण हालात में जैसलमेर से सुरक्षा कारणों से अजमेर जिले में भेजे गए गोडावण के चूजों को हालात सामान्य होने पर जैसलमेर जिले में उनके च्घरज् बुला लिया गया है। सभी चूजों को जिले के रामदेवरा स्थित ब्रीडिंग सेंटर में रखा गया है। सभी विशेषज्ञ उनकी देखभाल कर रहे हैं। चूजों को दो बार में जैसलमेर लाया गया। जिस वाहन में उन्हें लाया गया, उसमें बॉक्सनुमा जगह बनाकर रेत और गद्दे रखवाए गए थे। डेजर्ट नेशनल पार्क के उप वन संरक्षक बृजमोहन शर्मा के अनुसार सुरक्षा कारणों से राज्य पक्षी गोडावण के 9 चूजों को सुदासरी व रामदेवरा ब्रीडिंग सेंटर से अजमेर के अरवर गांव स्थित वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सेंटर में भेजा गया था। चूजों को पूरी एहतियात बरतते हुए यहां से भेजा गया था। अब उसी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उन्हें वापस लाया गया है। गौरतलब है कि गोडावण तेज आवाज के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं। इसी वजह से किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए चूजों को यहां से भेजा गया था।

5 से 28 दिन की उम्र

जानकारी के अनुसार जैसलमेर से जिन चूजों को भेजा गया था, उन सभी की आयु 5 से 28 दिन के बीच है। ये चूजे उन 18 गोडावण के चूजों में शामिल हैं, जिनका जन्म इस वर्ष में अब तक हुआ है। उन्हें 10 मई को जैसलमेर से विशेष सस्पेंशन वाली गाड़ी के माध्यम से भेजा गया था।

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