बता दें कि बारिश के दौरान छत से पानी टपक न सके, इसके लिए वह रात को ही छत पर चढ़कर जुगाड़ लगाने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ा और वह सिर के बल नीचे गिर गया।
आनन-फानन में अस्पताल ले गए
गंभीर रूप से घायल शैताना राम को तत्काल परिजन मोहनगढ़ अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र सिंह ने प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जन्म से था मूकबधिर
शैताना राम जन्म से ही मूकबधिर था, लेकिन उसने कभी अपनी कमजोरी को अपने जीवन पर हावी नहीं होने दिया। वह मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गांव के लोगों ने भी इस हादसे पर गहरा शोक जताया है।
बारिश में सतर्कता बरतना जरूरी
बारिश में छत से गिरने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि बरसात के दौरान सतर्कता न बरतने पर जान का खतरा बना रहता है। प्रशासन और स्थानीय निकायों से मांग की जा रही है कि कमजोर मकानों की पहचान कर उनकी मरम्मत करवाई जाए, ताकि इस तरह के हादसों को रोका जा सके।