सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी पहले जैसी हो गई है। ट्रेनें और रोडवेज बसें अब सामान्य रूप से चल रही हैं, जिससे आवागमन आसान हुआ है। गांवों में भी दुकानें खुली रहीं और लोगों ने अपने अधूरे काम पूरे करने शुरू कर दिए। निजी वाहनों की आवाजाही बढऩे से सडक़ों पर रौनक लौट आई है।
विद्यालयों में असमंजस की स्थिति
विद्यालयों में असमंजस की स्थिति रही। सोमवार रात को स्कूलों को दोबारा शुरू करने के आदेश जारी किए गए, जिससे मंगलवार सुबह तक भ्रम बना रहा। नतीजतन अधिकतर स्कूलों में छात्र उपस्थिति कम रही। शिक्षकों ने बताया कि अब शेष दिनों में तय परीक्षाएं आयोजित कर परिणाम घोषित किए जाएंगे। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। हालात सामान्य होने के बावजूद लोगों में हालिया घटनाक्रम को लेकर चर्चाएं जारी हैं, पर अब उनमें आशंका की जगह आश्वस्ति है। शहरवासियों ने फिर से अपने रोजमर्रा के कामकाज में मन लगाना शुरू कर दिया है। कुल मिलाकर, तनाव के बाद जैसलमेर की रफ्तार अब सामान्य गति पकड़ चुकी है और जन-जीवन पहले की भांति हो गया है।