जैसलमेर के अनुकूल साइक्लिंग मार्ग
रेतीले क्षेत्र में हवा की गति कम होने से साइक्लिंग के लिए आदर्श रास्ते बने हैं। जैसलमेर से आकल फांटा, लौद्रवा से चूंधी होते हुए छत्रैल, खाभा से सम और जोधपुर मार्ग से बासनपीर जैसे मार्ग पर्यावरण मित्र साइक्लिंग के लिए उपयुक्त हैं। यहां की शांत व खुली सडक़ें न केवल शौक को पंख देती हैं, बल्कि हर पेडल के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देती हैं।
साइकिलें जो पर्यावरण की सवारी बनीं
रूञ्जक्च (माउंटेन बाइक) – पहाड़ी व कठिन रास्तों के लिए उपयुक्त। हाइब्रिड साइकिल – सडक़ व कच्चे रास्तों के लिए अनुकूल। रोड या सिटी बाइक – शहरी मार्गों के लिए आदर्श, उच्च गति व कम वजन वाली।
एक्सपर्ट व्यू: बदलती सोच, सेहत और पर्यावरण की चिंता
फिजियोथेरपिस्ट डॉ. हितेश चौधरी बताते हैं कि रोजाना 30 मिनट तक साइकिल चलाने से 300 कैलोरी बर्न होती है। साइक्लिंग न केवल पैरों की मसल्स मजबूत करती है, बल्कि जोड़ों के दर्द से राहत देने के साथ-साथ फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ाती है। इसके अलावा यह तनाव को कम कर मानसिक स्वास्थ्य में भी सहायक है जैसलमेर के युवा अब साइकिल से मंजिल ही नहीं, बल्कि हर दिन शुद्ध हवा, फिट शरीर और हरियाली की ओर बढ़ रहे हैं। पर्यावरण को लेकर जागरुकता भी एक बड़ा कारण है।