ये काम पूरे हो चुके
- * 15 किमी बाइपास के हिस्से में से करीब 13 किमी तक डामर सड़क बन चुकी है।
- * बिशनगढ़ रोड पर ग्रेनाइट इकाई के पास 1 किमी लंबे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य भी पूरा किया जा चुका है।
- * रतनपुरा रोड पर अंडरब्रिज और ओवरब्रिज का काम पूरा कर लिया गया है।
ये अहम काम अभी बकाया
- * धरड़ापावटी रोड और सामतीपुरा रोड पर अंडरपास और ओवरब्रिज का काम चल रहा है।
- * बाइपास हिस्से में रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवरब्रिज बनना है, पीलर बन चुके हैं, इस पर गार्डर लगाने का काम बाकी है।
- * लेटा के पास जवाई नदी पर 256 मीटर मेजर ब्रिज पर गार्डर लगाए जा चुके, इस पुल के दोनों छोर को रोड से जोड़ने का काम बाकी।
इस तरह से मिलेगी राहत
- * बाड़मेर-बालोतरा की तरफ से आवाजाही करने वाले उन वाहन चालकों के लिए बाइपास अहम होगा, जो सीधे आहोर होते हुए जोधपुर, पाली, जयपुर या भीनमाल, रानीवाड़ा, सांचौर की तरफ आना या जाना चाहते हैं।
- * औद्योगिक क्षेत्र प्रथम चरण और द्वितीय चरण से तृतीय चरण की तरफ आवाजाही के लिए भी बाइपास महत्वपूर्ण साबित होगा, लोडेड ट्रक टे्रलर बाइपास होते हुए लेटा जीएसएस के पास से गोल निंबड़ी होते हुए औद्योगिक क्षेत्र तृतीय चरण तक आवाजाही कर सकेंगे।
इसलिए अहम बाइपास प्रोजेक्ट
जालोर में ट्रेफिक लोड अधिक है। 1500 से अधिक ग्रेनाइट इकाइयां होने से ग्रेनाइट ब्लॉक से लदे ट्रेलर, ट्रक की आवाजाही अधिक हैं, जो वर्तमान में आबादी के बीच से गुजरते हैं। रोजाना 100 से अधिक ट्रक-ट्रेलर में तैयार ग्रेनाइट लोड होने के बाद देश की विभिन्न मंडियों तक पहुंचता है। वर्तमान में भारी वाहन आबादी के बीच से ही गुजरते हैं, जिससे हादसे की आशंका रहती है।इनका कहना
नेशनल हाइवे 325 के बाइपास प्रोजेक्ट के काम में संतोषजनक प्रगति है। महत्वपूर्ण कार्य पूरे कर लिए गए हैं। अब केवल पुल और सड़क के कुछ हिस्सों को जोडऩे का काम बाकी है, जिसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा।इंद्रप्रकाश, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी (एनएच), बाड़मेर