जानें पूरा मामला…
सीएसपी ने प्रेंस काफ्रेंस में धोखाधड़ी मामले का खुलासा करते हुए बताया की प्रार्थी जयभारत स्कूल के पीछे वार्ड १४ जांजगीर निवासी शिक्षक प्रमोद पाण्डेय पिता जयनारायण पाण्डेय (46) 25 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि प्रार्थी और उसका परिवार 13 मई से 20 मई तक हरिद्वार, ऋषिकेश, देव प्रयाग व मसूरी (उत्तराखण्ड) घूमने गया था। उसे ट्रेन में सफर के दौरान कृष्णानंद सिंह नाम का एक लड़का मिला, जो अपना परिचय
एमबीबीएस द्वितीय वर्ष एम्स ऋषिकेश का छात्र होना बताया। बातचीत के दौरान दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। शिक्षक परिवार सहित अपने घर पहुंच गया। इसी दौरान 26 मई को शिक्षक के मोबाईल में दोपहर 2 बजे कृष्णानंद सिंह फोन कर बोला कि चण्डीगढ़ में भूमि रजिस्ट्री कराना है। पैसों की बहुत जरुरत है।
किसी व्यक्ति को अपना पापा बताकर प्रार्थी से बात कराया तथा दो दिन में रकम वापस कर दूंगा बोला। उसकी बातों में आकर शिक्षक ने कृष्णानंद सिंह के एक्सिस बैंक के खाता में आरटीजीएस के माध्यम से 6 लाख 50 हजार रुपए रकम ट्रांसफर कर दिया। 31 मई को 70 हजार रुपए तथा 18 जून को 5 हजार रुपए फोन-पे के माध्यम से रकम वापस किया। शेष रकम को आज देता हूं, कल देता हूं कहकर टाल-मटोल कर रहा था। फिर शिक्षक को ठगी का शिकार होने का अहसास हुआ।
हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया। तो आरोपी कृष्णानंद सिंह द्वारा प्रार्थी से रकम ठगी करना तथा सर्वेस को अपना पिता बनाकर ठगी कराया था। पुलिस ने कृष्णानंद सिंह पिता रामअवतार सिंह (24) निवासी विशेषपुर पोस्ट बघौना थाना नरही जिला बलिया (उप्र), सर्वेश पाण्डेय पिता संतोष पाण्डेय (२४) निवासी देवघटा पोस्ट हलिया थाना हलिया जिला मिर्जापुर (उप्र) के खिलाफ धारा 318 (4), 3 (5), बीएनएस 66 डीआईटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपियों को गिरफ्तार न्यायालय में पेश किया जाएगा।
आरोपी ने इस तरह विश्वास जीतकर की ठगी
ट्रेन में सफर के दौरान शिक्षक प्रमोद पांडेय के परिजन में बुजुर्ग को लोवर बर्थ चाहिए था, आरोपी द्वारा शिक्षक को लोवर बर्थ देकर देकर विश्वास में ले लिया। साथ ही इस शिक्षक का बैग चोरी हो गया। ठग युवक द्वारा रेलवे पुलिस में पहचान होना तथा बैग वापस करा दूंगा बोला।
तब प्रमोद उसके बातों में आकर उस पर विश्वास करते हुए उसके द्वारा 16 मई को रकम की मांग करने पर 50 हजार रुपए फोन-पे के माध्यम से उधार रकम दिया था। जो 18 मई को को वापस कर दिया था। 20 मई को वापस अपने परिवार के साथ घर आ गया था। चोरी हुए बैग को कृष्णानंद सिंह मिल जाना तथा कुरियर के माध्यम से वापस कर देने के कारण उससे और विश्वास करने लगा।
फिल्मी अंदाज में इस तरह आरोपी तक पहुंची पुलिस
साढ़े ६ लाख ठगी के बाद पैसा वापस न कर आरोपी फिर से और पैसों की मांग कर रहा था। सूचना पर पुलिस अलर्ट हो गई। फिर थाना प्रभारी प्रवीण द्विवेदी प्रार्थी शिक्षक का बड़ा भाई बनकर ठग से बात किया। ठग कृष्णानंद सिंह को और रकम की मांग करने पर नोटरी कराकर रकम दिए जाने का प्रलोभन देकर जांजगीर बुलाया। आरोपी की इतनी हिम्मत की उत्तरप्रदेश से फिर पैसा लेने जांजगीर अपने एक दोस्त के साथ आ गया। आरोपियों के द्वारा नैला रेलवे स्टेशन के पास प्रमोद को अकेले आने की बात बोला था। जिस पर शिक्षक की जगह फिल्मी स्टाइल में पुलिस पहुंच गई। ठग ने इस तरह बहाना बनाकर ऐंठे पैसे
ठग ने पहले तो पिता आर्मी में
ऑपरेशन सिंदूर के कारण वापस नहीं आ पा रहे हैं। इसलिए ५० हजार मांगकर दो दिन में वापस कर दिया। फिर एक जमीन की रजिस्ट्री करानी है, पैसों की बहुत जरूरत है। उसकी बातों में आकर ६ लाख ५० हजार आरटीजीएस के माध्यम से शिक्षक ने उसके खाते में ट्रांसफर कर दिया।
ठग ने अपने खाते में दिखाए थे ९२ लाख रुपए
पुलिस ने बताया कि आरोपी के द्वारा शिक्षक को अपने खाते में 92 लाख रुपए का बैंलेंस दिखाया था। इससे प्रार्थी प्रलोभन में आ गया। बाद में धोखाधड़ी होने का अहसास होने पर टोल फ्री नंबर 1930 में शिकायत कर थाना में कृष्णानंद सिंह व उसके साथी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।