जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत मोगरा गांव में अज्ञात लोगों ने सरकारी, चारागाह और आबादी भूमि पर फर्जी पट्टे बनाकर पट्टेधारियों से करीब 60 से 70 हजार रुपए लिए गए। पट्टे तो फर्जी बनाकर बेचे ही है, साथ ही इन्हें लोन की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई।
रेकार्ड से नहीं हुआ मिलान
मोगरा पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी राहुल व सरपंच रणजीत सिंह को जब फर्जी पट्टों की जानकारी मिली तो उन्होंने इस मामले में जांच पड़ताल शुरू की। इसके लिए तहसील कार्यालय से मोगरा पंचायत के जनवरी 2024 से लेकर अक्टूबर तक बनाए पट्टों की सूची लेकर पंचायत के रेकार्ड से मिलान किया गया। इस दौरान करीब 32 पट्टे फर्जी मिले हैं। तहसील से रेकार्ड लेने के बाद जांच में सामने आया कि जो पट्टे बनवाए गए हैं उसमें सरपंच, वीडीओ व तत्कालीन वीडीओ ममता मीणा की नकली मोहर और फर्जी साइन मिले है। रिपोर्ट देने के बाद भी बन रहे फर्जी पट्टे
वीडीओ राहुल ने बताया कि उन्होंने दिसंबर माह में ही पुलिस थाने में फर्जी पट्टों को लेकर रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी। फिर भी एक माह पूर्व एक फर्जी पट्टेधारी द्वारा एक पट्टा तहसील में पंजीकृत करवाया जा रहा था।
इनका कहना है….
हमारे द्वारा इन पट्टों का मिलान कर लिया गया जिसमे मेरे व सरपंच के साइन व मोहर नकली है। इन पट्टों को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। राहुल भटनागर, वीडीओ, ग्राम पंचायत मोगरा पंचायत द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई है। फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
रणजीत सिंह, सरपंच मोगरा