scriptJhalawar top news : जितना खा नहीं रहे, उससे ज्यादा रौंद रहे फसलों को, वन्यजीवों से किसान परेशान | Jhalawar top news : Crops are being trampled more than they are being eaten, farmers are troubled by wildlife | Patrika News
झालावाड़

Jhalawar top news : जितना खा नहीं रहे, उससे ज्यादा रौंद रहे फसलों को, वन्यजीवों से किसान परेशान

जंगली सुअर खेत की जमीन को करीब 2 से 4 फीट खोदकर फसल नष्ट कर जाते हैं। जितना यह खाते नहीं उससे ज्यादा तो किसानों की फसल को रौंदकर खराब कर देते हैं।

झालावाड़Dec 24, 2024 / 11:01 am

jagdish paraliya

कभी मौसम की मार तो कभी खाद-बीज की कमी से जूझ रहे किसानों की मुसीबत अब वन्यजीवों ने बढ़ा दी है। अब खेतों में फसलों को चट कर किसान की मेहनत पर पानी फेरने का काम रोजड़े, हिरण, जंगली सुअरों के झुंड कर रहे हैं। वन क्षेत्र से सटे इलाकों में इनके आतंक से किसान खासे परेशान हैं। रोजड़े समेत हिरणों के झुंड समूह में एकत्र होकर एक साथ एक ही खेत में कूदते एवं फसलों को नष्ट कर देते हैं।
कभी मौसम की मार तो कभी खाद-बीज की कमी से जूझ रहे किसानों की मुसीबत अब वन्यजीवों ने बढ़ा दी है। अब खेतों में फसलों को चट कर किसान की मेहनत पर पानी फेरने का काम रोजड़े, हिरण, जंगली सुअरों के झुंड कर रहे हैं। वन क्षेत्र से सटे इलाकों में इनके आतंक से किसान खासे परेशान हैं। रोजड़े समेत हिरणों के झुंड समूह में एकत्र होकर एक साथ एक ही खेत में कूदते एवं फसलों को नष्ट कर देते हैं। जंगली सुअर खेत की जमीन को करीब 2 से 4 फीट खोदकर फसल नष्ट कर जाते हैं। जितना यह खाते नहीं उससे ज्यादा तो किसानों की फसल को रौंदकर खराब कर देते हैं।

रात्रि में करते हमला

रोजड़े, सुअर हिरण समेत अन्य जंगली जानवरों को भगाने में दिन में तो ज्यादा परेशानी नहीं होती, लेकिन रात में इन्हें खेतों से बाहर निकालने के लिए किसानों को पूरी सावधानी बरतनी पड़ती है। कई बार वन्यजीव किसानों पर ही हमला कर देते हैं। ऐसे में किसानों द्वारा खेतों पर घुसने के बाद इन वन्यजीवों को थालियां बजाकर एवं धमाकेदार पटाखों की आवाज के साथ भगाने का जतन करना पड़ता है।

समाधान निकाले सरकार

किसानों की समस्या का समाधान निकालने के लिए कृषि समेत वन विभाग के पास अभी तक ठोस कोई योजना नहीं होने की वजह किसानों की फसल पकने से पहले ही नष्ट हो रही है। सरकार ने कृषि विभाग के तहत तारबंदी योजना भी शुरू की, लेकिन योजना के नियमों में ऐसा पेंच है कि किसान चाहकर भी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। मजबूरन किसानों को सर्द रातों में भी पूरी रात खेतों पर खुले आसमान तले अपनी फसलों की रखवाली करनी पड़ रही है।

वन विभाग करवाएं तारबंदी

किसानों ने बताया कि सरकार वन विभाग के द्वारा वन क्लोजर समेत जंगल से जुड़े गांवों में जंगल की तरफ वन विभाग मजबूत तारबंदी कर जंगली जानवरों की बंदी करें। गौरतलब है कि गत विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व विधायक नरेंद्र नागर द्वारा भी सवाल पूछ कर तारबंदी समेत जंगली जानवरों की बंदी को लेकर सरकार को अवगत करवा जा चुका हैं।

क्लोजर से निकल कर आ रहे

वन्यजीवों का आतंक उन क्षेत्रों में ज्यादा है, जहां जंगल के पास वाले गांव समेत जिन गांवों में वन क्लोजर बने हैं। खानपुर विधानसभा क्षेत्र के खानपुर रेंज के बाघेर,भीमसागर, हरिगढ़, पनवाड़, मऊ बोरदा, सारोलाकलां, मालनवासा, करनवास, अम्बाला, नयागांव, चितावा, चापांखुर, काकड़दा, बिसलाई, उमरिया, तारज समेत बकानी वन रेंज के तीनधार, इकवासा, रीछवा, नसीराबाद, सलावद, किशनपुरा, समेत अन्य जंगल सटे गांवों में रोजड़े (नीलगाय), सुअर समेत अन्य जंगली जानवरों का आतंक रहता है।
किसानों को पूरी रात रतजगा करना पड़ता है। रात्रि में खेत पर जंगली जानवरों को भगाने के लिए जतन करते है। ये फसलों को चौपट कर रहे हैं। खेतों में सुअरों ने गड्ढे खोदकर जमीन बिगाड़ दी जंगली जानवरों के रोकथाम को लेकर वन विभाग प्लान्टेशनों में तारबंदी करवाएं।
धनराज भील प्रगतिशील किसान राजपुरा

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