सिर्फ जोधपुर या पूरे पश्चिमी राजस्थान में
एमडीएम अस्पताल में लगातार केस सामने आने के बाद अब एक रिसर्च भी की जाएगी। इसमें यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि बीमारी सिर्फ जोधपुर में है या पश्चिमी राजस्थान के अन्य क्षेत्रों से भी आ रही है। इसके लिए अस्पताल के डाटा भी संग्रहित किए जाएंगे।आखिर क्यों है खतरा
इसमें सामान्य बीमारी की तरह की शुरुआत होती है। डायरिया के बाद मरीज की स्थिति बिगड़ती है तो कई बार पता भी नहीं चलता कि जीबीएस सिंड्रोम का इफेक्ट है। कई बार उपचार में देरी के कारण लकवा मारने की स्थिति भी आ जाती है। इसके उपचार में लगने वाला इंजेक्शन भी 80 हजार से एक लाख रुपए तक की कीमत का है। फिलहाल यह सरकारी सप्लाई में नि:शुल्क मिल रहा है, लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण इसके सीमित स्टॉक का खतरा भी सामने आ सकता है।डॉ. नवीन किशोरिया, एचओडी मेडिसिन विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज, जोधपुर