Rajasthan: फर्जी आधार से 240 फर्जी फर्में बनाईं, 524 करोड़ का जीएसटी घोटाला, 22 राज्यों में फैला नेटवर्क
जोधपुर में ई मित्र संचालक व साथी से पूछताछ में खुलासा, पांच और आरोपी गिरफ्तार, देश के 22 राज्यों में फैला नेटवर्क, 540 करोड़ में से 278 करोड़ का जीएसटी क्लेम किया
पुलिस की गिरफ्त में घोटाले के आरोपी। फोटो- पत्रिका
राजस्थान के जोधपुर में देवनगर थानान्तर्गत मसूरिया के श्रमिकपुरा में ई-मित्र से फर्जी आधार व पेन कार्ड बनाने के आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरोपियों ने फर्जी आधार-पेन कार्ड और सरकारी विभाग-अफसरों की फर्जी सीलें बनाकर देश के 22 राज्यों में न सिर्फ 240 फर्जी फर्जी बनाईं थी, बल्कि 524 करोड़ का जीएसटी घोटाला भी किया। 540 करोड़ में से 278 करोड़ का जीएसटी क्लेम किया जा चुका है और शेष 246 करोड़ जीएसटी इनपुट पास ऑन कर दिया गया था।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि प्रकरण में निहारिका ई-मित्र संचालक मसूरिया यूआईटी कॉलोनी निवासी प्रवीण पंवार व शोभावतों की ढाणी में नारायण नगर निवासी सद्दाम हुसैन को गिरफ्तार किया गया था। इनसे पूछताछ के बाद बड़े गिरोह के सक्रिय होने का पता लगा।
थानाधिकारी सोमकरण के नेतृत्व में डीएसटी व साइबर सैल ने विभिन्न पहलूओं पर जांच के बाद ओसियां के पड़ासला में भाटियां की ढाणी निवासी किशनसिंह, रणवीरसिंह, गजेन्द्रसिंह, बावड़ी तहसील के सांवत कुआं खुर्द निवासी चैलाराम मेघवाल व मसूरिया में कुम्हारों की बगेची के पास निवासी अमित भाटी को गिरफ्तार किया गया।
अन्य आरोपी रिमाण्ड पर
प्रवीण व सद्दाम को जेल भेजा जा चुका है। अन्य आरोपी रिमाण्ड पर हैं। किशनसिंह, रणवीर व गजेन्द्र को जांच के लिए दूसरे राज्य ले जाया गया है। नेटवर्क को खोलने में साइबर सैल के हेड कांस्टेबल प्रेम चौधरी व डीएसटी के कांस्टेबल दलाराम की विशेष भूमिका रही।
स्वप्रसंज्ञान लेकर एफआइआर दर्ज
साथ ही बोरानाडा थानाधिकारी शकील अहमद, भगत की कोठी थानाधिकारी राजीव भादू, एसआइ पिंटू कुमार, चमनाराम, एएसआइ हीराराम, हेड कांस्टेबल सुनील बिश्नोई, ओमाराम आदि शामिल रहे। फर्जी आधार कार्ड व कम्पनियां बनाने का पता लगने पर देवनगर थाना पुलिस ने स्वप्रसंज्ञान लेकर 20 जून को एफआइआर दर्ज की थी। प्रवीण के ई-मित्र को ब्लैक लिस्ट करने के लिए पत्र लिखा गया है।
278 करोड़ रुपए जीएसटी का क्लेम कर चुके
आरोपियों ने गिरोह ने करोड़ों रुपए के फर्जी बिला काटेे। 22 राज्यों में 240 फर्जी फर्में बनाईं। 524 करोड़ रुपए का जीएसटी चोरी की। इसमें से 278 करोड़ रुपए के क्लेम तक ले लिए गए। 246 करोड़ रुपए जीएसटी इनपुट पास ऑन कर दिए गए। आरोपियों ने 240 फर्मों में से 44 फर्मों की पहचान ई-मेल आइडी, पेन कार्ड व मोबाइल नम्बर से की। अन्य 196 फर्मों की पहचान अन्य डेटा बेस के आधार पर की गई।
जीएसटी विभाग ने रद्द किए रजिस्ट्रेशन
240 फर्मों में से 152 का जीएसटी रजिस्ट्रेशन संबंधित राज्यों के जीएसटी विभाग की ओर से रद्द कर दिया गया है। राजस्थान में 29 कम्पनियों में से 16 का जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया है। जोधपुर में कुल 18 फर्म रजिस्टर्ड थी। इसमें से नौ फर्म का जीएसटी रजिस्ट्रेशन पूर्व में रद्द किया जा चुका है। सेन्ट्रल जीएसटी जोधपुर की टैक्स एंटी एविएशन शाखा 19 जून को 8 फर्मों के पते पर गई थी, लेकिन कम्पनी का संचालन नहीं मिला।
इन राज्यों में बनाईं फर्जी फर्में
गिरोह ने आंध्रप्रदेश, आसाम, बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, दमन व दीव, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडि़सा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडू, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड व पश्चिम बंगाल में गड़बड़ी की।
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आधार कार्ड से फर्म रजिस्ट्रेशन तक फर्जी
ई-मित्र पर प्रवीण पंवार फर्जी सील व हस्ताक्षर कर फर्जी आधार व पेन कार्ड बनाता था। इससे बैंक में फर्जी करंट एकाउंट खोला जाता। फर्जी दस्तावेज से सिम लेते और ई-मेल आइडी व फर्जी कम्पनी बनाकर फर्म का जीएसटी रजिस्ट्रेश तक करवाते थे। यह फर्म सिर्फ दस्तावेजों में ही होती थी।
मास्टर माइण्ड की तलाश, दो सीए भी शामिल
आरोपी प्रवीण व सद्दाम से पूछताछ में कई खुलासे हुए। आरोपी अमित की गीता भवन के पास मोहरें बनाने की दुकान है, जहां कई विभागों के अधिकारियों की फर्जी सीलें बनाईं गईं थी। अन्य चार आरोपियों ने फर्जी आधार कार्ड बनावाए थे और मुम्बई ले जाकर सौंपे थे। फर्जी कम्पनी बनाने में मुम्बई व कोलकाता के दो सीए के साथ सीएस की भूमिका भी सामने आई है।