Jodhpur News: घूस लेते पकड़े गए बैंक मैनेजर ने 10 माह में बना ली आय से 260% अधिक संपत्ति, चौंकाने वाले खुलासे हुए
सीबीआई ने घर पर दबिश देकर ली तलाशी, मकान, नकद, बैंक बैलेंस, वाहन, कृषि भूमि के दस्तावेज बरामद, बीओबी की रायमलवाड़ा शाखा में 15 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया था आरोपी
बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक विवेक कच्छावाहा। फोटो- पत्रिका
बैंक ऑफ बड़ोदा की रायमलवाड़ा शाखा के तत्कालीन प्रबंधक विवेक कच्छावाह सीबीआई के एक और मामले में फंस गए हैं। जांच व तलाशी के बाद तत्कालीन मैनेजर के साढ़े दस महीने में आय से 46.86 लाख रुपए की अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का खुलासा हुआ। ऐसे में सीबीआई ने तत्कालीन मैनेजर के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की एक और एफआइआर दर्ज की।
साथ ही बुधवार सुबह आरोपी के मकान में दबिश देकर दस्तावेज जब्त किए गए। सूत्रों के अनुसार गत 17 फरवरी को केसीसी लोन के बदले 15 हजार रुपए रिश्वत लेने पर फलोदी जिले की बापिणी तहसील में बैंक ऑफ बड़ोदा की रायमलवाड़ा शाखा प्रबंधक विवेक कच्छावाह को सीबीआई ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। आवास व अन्य जगहों की तलाशी ली गई थी।
परिवार के नाम से खरीदी संपत्ति
चल व अचल सम्पत्तियों की जांच की गई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। तत्कालीन बैंक मैनेजर कच्छावाह ने 1 अप्रेल 2024 से 17 फरवरी 2025 के बीच 64,35,147 रुपए की चल-अचल सम्पत्ति अर्जित की थी। इनमें मकान, नकद, बैंक बैलेंस, वाहन, शेयर के साथ-साथ दईजर में कृषि भूमि भी शामिल है। यह सम्पत्ति तत्कालीन मैनेजर व परिवार के लोगों के नाम से खरीदी गई थी।
इस समायावधि में विवेक व परिजन ने 17,48,460 रुपए आय अर्जित की थी। यानि 46,86,687 रुपए की आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित की गई थी। जो आय से 260 प्रतिशत अधिक पाई गई। इस समयावधि में बैंक के तत्कालीन मैनेजर ने 5,75,329 रुपए खर्चा किया था। जिनमें होम लोन, आयकर आदि शामिल हैं।
अल-सुबह घर पर छापा, दस्तावेज कब्जे में लिए
आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की एफआइआर दर्ज होने के दूसरे ही दिन बुधवार सुबह सीबीआई ने तत्कालीन बैंक मैनेजर के मकान पर दबिश दी। इस दौरान चल व अचल सम्पत्तियां संबंधी दस्तावेज कब्जे में लिए गए, जिनकी जांच की जाएगी।
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20 हजार के लालच में फंसा
थोब गांव निवासी ढलाराम ने केसीसी लोन के लिए रायमलवाड़ा गांव में बैंक ऑफ बड़ोदा शाखा में संपर्क किया था। तत्कालीन मैनेजर ने केसीसी लोन के बदले 20 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। सीबीआइ में शिकायत करने पर गोपनीय सत्यापन कराने पर मैनेजर के रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। गत 17 फरवरी को आरोपी मैनेजर ने बैंक बुलाया था, जहां लोन स्वीकृत होने की जानकारी दी गई थी। साथ ही रिश्वत भी मांगी गई थी। परिवादी ने मैनेजर को 15 हजार रुपए रिश्वत दी थी। तभी सीबीआइ ने शाखा प्रबंधक को गिरफ्तार किया था।
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