इस सिस्टम पर निगम ने किया काम
डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन : नगर निगम उत्तर और दक्षिण ने गत वर्ष बजट में 30 करोड़ का प्रावधान रखा गया। इसके तहत निगम दक्षिण ने 170 ई-वाहन घर-घर कचरा संग्रहण के लिए खरीदें। इन्हें वार्ड में लगाए गए। उसके बाद निगम दक्षिण के सभी वार्डों में घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य शुरू हुआ।इन पर करें फोकस तो रैंकिंग में आएगा और सुधार
सेग्रीगेशन में पिछड़ेशहर मुख्य डंपिंग स्टेशन पर कचरा परिवहन सही नहीं होने के मामले में निगम उत्तर और दक्षिण दोनों ही पिछड़ गए। जोधपुर में कचरा प्रोसेसिंग का काम संतोषजनक नहीं रहा। शहर से प्रतिदिन 600 टन कचरा उठता है, लेकिन केवल 100 टन कचरे का ही परिशोधन होता है। इसके लिए शहर में कुल 3 मेकेनाइज्ड ट्रांसफर स्टेशन की जरूरत है। जबकि अभी तक सिर्फ निगम एक ही बना रहा है। जबकि निगम उत्तर ते अभी तक इसके लिए जमीन भी तलाश नहीं कर पाया है।
भीतरी शहर में कचरा उठाने की स्थिति आज भी खराब है। इसे सुधारने की जरूरत है। शहर में सुबह सफाई होने के बाद भी करीब दो घंटे तक साफ-सफाई नजर आती है। उसके बाद शहर में कचरा नहीं उठता। यह स्थिति शनिवार सुबह से सोमवार सुबह तक रहती है। इस दरम्यान कचरा तक नहीं उठता है।
निगम के पास 13 सीवर जेट मशीन होने के बाद भी जगह-जगह ट्रंक लाइनें चोक पड़ी है। आए दिन सीवरेज का पानी सड़कों पर बहता है। इस पर भी कार्य करने की जरूरत है। शहर में करीब 224 टायलेट और सुलभ शौचालय हैं। हर माह लाखों रुपए खर्च के बावजूद अधिकतर की स्थिति खराब। इन्हें भी सुधारा जाए।