JNVU के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने कहा, अब यह छपे कि छात्रा ने मनचले को चप्पल से पीटकर घायल कर दिया
21st Convocation of JNVU: राज्यपाल ने दिया पत्रिका की खबर का हवाला, जेएनवीयू के दीक्षांत समारोह में छात्राओं को दी सीख, छात्राओं से बोले- घबराओ मत, तुमको वीर छात्राएं कहेंगे, बाहुबली कहेंगे, सम्मान करेंगे
राजस्थान के राज्यपाल व कुलाधिपति हरिभाऊ बागड़े ने एक बार फिर लड़कियों से गंदी मानसिकता और बुरा आचरण करने वाले समाजकंटकों को सबक सिखाने की बात कही। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शुक्रवार बागड़े ने कहा कि आए दिन समाचार पत्रों में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों की लड़कियों के साथ अत्याचार और बुरी नजर डालने वालों की खबरें छपती रहती हैं।
बागड़े ने कहा कि आज भी एक समाचार पत्र में ऐसी ही खबर छपी है, लेकिन अब आने वाले दिनों में अखबारों में यह खबरें छपनी चाहिए कि छात्राओं ने हाथ-पांव और चप्पल से ऐसे लोगों को पीट दिया है। पीट-पीटकर घायल कर दिया है। ऐसी खबरें आएंगी तो आने वाले समय में छेड़छाड़ जैसी घटनाएं बंद हो जाएंगी।
‘घबराना नहीं चाहिए’
बागड़े छात्राओं से बोले कि उनको घबराना नहीं चाहिए। ऐसी छात्राओं को वीर छात्राएं कहा जाएगा। उनको बाहुबली कहा जाएगा। ऐसी छात्राओं का सम्मान किया जाएगा। गौरतलब है कि पत्रिका ने शुक्रवार को ही स्कूलों में भी सुरक्षित नहीं बेटियां, किस पर करें भरोसा शीर्षक से प्रथम पृष्ठ पर खबर प्रकाशित की थी। राज्यपाल ने समारोह में उपस्थित छात्राओं और लोगों के समक्ष एक प्रश्न भी रख दिया। वे बोले कि अब यह सोचने का समय है कि ऐसे मनचलों को स्कूल, कॉलेज और विवि जैसे शिक्षा के क्षेत्र में रखा जाना चाहिए अथवा नहीं? स्कूल और कॉलेज पवित्र क्षेत्र हैं। यहां कुछ भी अपवित्र जैसा नहीं होना चाहिए।
21वां दीक्षांत समारोह
बागडे शुक्रवार को पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर स्थित मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के 21वें दीक्षान्त समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने विभिन्न संतों एवं महापुरुषों के उपदेशों और वाणियों को उद्धृत करते हुए कहा कि शिक्षा समग्र जीवन-दृष्टि को विकसित करते हुए लोक कल्याण की धाराओं को तीव्रतर करने का सशक्त माध्यम है। शिक्षा ऐसी हो जो व्यक्तित्व का विकास करे। इससे युवा रोजगार पाने के इच्छुक नहीं बल्कि रोजगार दाता बनें।
शेखावत ने भी किया संबोधित
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत वर्चुअल माध्यम से जुड़े और शेखावत ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि विश्वद्यालय की मनीषा परंपरा, सीखने की जिज्ञासा और निरंतर ज्ञान अर्जन की इच्छाशक्ति को जारी रखें। दीक्षांत समारोह में कुल 51 हजार 402 उपाधियों का अनुमोदन किया गया।
इसमें स्नातक स्तर की 46 हजार 188 और स्नातकोत्तर की पांच हजार 214 उपाधियां शामिल हैं। इसके साथ ही दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति द्वारा 60 गोल्ड मेडल प्रदान किए गए, जिसमें 53 स्वर्ण पदक, एक कुलाधिपति पदक, चार डोनर पदक एवं दो अन्य पदक शामिल हैं, इसके साथ 187 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गईं।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय भी पहुंचे
इसके बाद राज्यपाल ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के अष्टम दीक्षान्त समारोह को संबोधित किया। कुलाधिपति एवं राज्यपाल ने दीक्षान्त समारोह में विश्वविद्यालय की ओर से 1426 उपाधियां प्रदान कीं। इस अवसर पर बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस एवं बीएससी नर्सिंग आयुर्वेद में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 4 छात्रों को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए।
यह वीडियो भी देखें समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी आयुर्वेद के 16, एमडी/एमएस आयुर्वेद 119, एमडी होम्योपैथी 19, बीएएमएस 717, बीएचएमएस 227, बीयूएमएस 157, बीएनवाईएस 97 एवं बी.एससी आयुर्वेद नर्सिंग के 74 कुल 1426 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रोफेसर वैद्य बनवारी लाल गौड़, विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद डॉ. राजेंद्र गहलोत एवं आईआईटी निदेशक प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल उपस्थित रहे।