थानाधिकारी दिनेश लखावत ने बताया कि गत वर्ष 30 जुलाई को धर्मेन्द्र चौधरी बंदी रमेश से मुलाकात करने के लिए जेल पहुंचा था। उसने मुख्य गेट पर रजिस्टर में रमेश की जगह सजा काट रहे कैदी लहराराम का नाम लिखवाया। वह मुलाकात जाली पर पहुंचा तो लहराराम की जगह रमेश मौजूद मिला। धर्मेन्द्र अपने साथ एक मोबाइल लाया था। मुलाकात के दौरान उसने इंटरकॉल फोन की केबल से मोबाइल बांधा और रमेश तक पहुंचाने का प्रयास करने लगा, लेकिन उसे यह हिमाकत करते हुए प्रहरी ने देख लिया। इसका पता लगते ही धर्मेन्द्र मुलाकात कक्ष से बाहर निकल गया और फिर जेल से बाहर आ गया।
जेल प्रशासन ने मोबाइल कब्जे में लेकर रातानाडा थाने में एफआइआर दर्ज कराई। पुलिस ने बंदी रमेश पुत्र हुक्माराम को कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने धर्मेन्द्र की भूमिका की जानकारी दी, लेकिन तब तक वह फरार हो गया था। उस पर एक हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया।
उसके रविवार को गंगाणी गांव में अपने मकान पर होने की सूचना मिली। पुलिस ने मकान में दबिश दी तो आरोपी छत से कूदकर भागने लगा। हेड कांस्टेबल सुभाष, कांस्टेबल मोहनराम, सुभाष, कमल मीणा व सुखदेव ने पीछा कर गंगाणी निवासी धर्मेन्द्र (22) पुत्र श्रवणराम चौधरी को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ की जा रही है।
मुलाकात कराने वाले बंदी की भी मिलीभगत
दरअसल, धर्मेन्द्र मादक पदार्थ तस्करी के मामले में जेल में बंद था। इस दौरान उसकी मुलाकात रमेश से हुई थी। जमानत होने पर उसने धर्मेन्द्र से जेल में मोबाइल मंगवाया था। रमेश ने उसे अवगत कराया था कि वह मुख्य गेट पर रजिस्टर में बंदी लहराराम से मिलने आने की एन्ट्री करेगा। बंदियों की परिजन से मुलाकात कराने वाले बंदी भरत से रमेश ने बात कर रखी थी। उसे बता दिया था कि लहराराम से मिलने के लिए धर्मेन्द्र आएगा, लेकिन लहराराम की जगह वो उसे मुलाकात जाली पर भेज दे। बंदी भरत ने ऐसा ही किया और लहराराम की जगह बंदी रमेश मुलाकात जाली पहुंच गया था।