राजस्थान में मौसम में बदलाव के साथ ही वायरल बीमारियां सक्रिय हो जाती हैं। हर बार वायरस अपनी चाल और तीव्रता बदलता है। यानि अपने आप में म्युटेशन कर अपग्रेड करता है। इस बार वायरस फेफड़ों पर अटैक कर रहा है। ओपीडी में आने वाले मरीज में हर तीन में से दो लोग इसी समस्या के साथ आ रहे हैं। खास बात यह है कि पोस्ट वायरल इफेक्ट में पुणे की तरह जीबी सिंड्रोम के मामले भी सामने आ रहे हैं, लेकिन फिलहाल इनकी संख्या कम है।
एमडीएम और एमजीएच अस्पताल की मेडिसिन ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। प्रतिदिन 400 से ज्यादा मरीज वायरल बीमारी और उनमें भी फेफड़ों की समस्या लेकर आ रहे हैं। अभी होली और उससे कुछ दिन बाद तक वायरल बीमारी सक्रिय रह सकती है। इसमें क्रॉनिक बीमारी या जो धूम्रपान करते हैं उनको सांस लेने में दिक्कत ज्यादा हो रही है।
क्या हैं लक्षण
सर्दी-जुकाम व बुखार के लक्षण से शुरू होकर दो से तीन दिन में यह सांस लेने में तकलीफ तक पहुंच जाती है। ऑक्सीजन लेवल भी कम हो रहा है। हालांकि अभी भर्ती करने योग्य मरीजों की संख्या तो नहीं बढ़ी है। पोस्ट वायरल इफेक्ट में बुखार न्यूरो सिस्टम को प्रभावित कर रहा है।
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जीबीएस ने भी डराया
पोस्ट वायरल इफेक्ट के तौर पर जीबीएस वायरल अपना असर दिखा रहा है। इस सिंड्रोम में दिमागी बीमारी अपना असर दिखाती है और लोगों के लिए जानलेवा भी बन जाती है। न्यूरो फिजिशियन बताते हैं कि हर दिन ऐसे 3 से 5 केस सामने आ रहे हैं। इसमें धीरे-धीरे मरीज के अंग काम करने बंद कर देते हैं और अंत में कोमा की स्थिति भी बन जाती है।
पिछले तीन वायरल
* 2024 में अब सर्दियों की विदाई के समय वायरल एक्टिव हुआ तो सबसे ज्यादा मरीज इंफ्लूएंजा जुकाम के आ रहे थे। इसमें 7 से 10 दिन तक जुकाम ठीक नहीं होता था।
* 2024 में जब बारिश व सर्दी के बीच वायरल बीमारी का अटैक हुआ तो जोड़ों के दर्द वाले व शरीर पर लाल चकते के निशान छोड़ने का रूप वायरस ने दिखाया।
* अब 2025 की सर्दी की विदाई में वायरस फेफड़ों को अटैक कर रहा है।
पुणे ने डराया, जोधपुर भी अलर्ट पर
पुणे में जीबीएस के मामले एकाएक बढ़ने से डर का माहौल हो गया था। वहां एक दिन में 200 से 300 केस तक सामने आए। अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा। पिछले 15-20 दिन में जीबीएस के भी 50 से ज्यादा मरीज आ चुके हैं। ऐसे में यहां भी अलर्ट पर रखा गया है।