25 अप्रैल शाम 7.15 बजे घर के आंगन में खेल रहा था तभी आदमखोर तेंदुआ बच्चे के ऊपर हमला कर दिया। बालक के गला एवं गर्दन के पीछे चोट का निशान है। दाएं हाथ के बाजू में नाखून का निशान है। बालक का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सारवण्डी में उपचार के बाद हायर सेंटर जिला अस्पताल कांकेर रिफर किया गया। बच्चे की स्तिथि स्थिर बताया जा रहा है।
बड़े भाई ने बचाई जान
तेंदुए ने अपने जबड़े से बच्चे की गर्दन को पकड़ा था। इसी दौरान बच्चे के बड़े भाई ने साहस दिखाया। उसने तेंदुए पर चिल्लाकर हमला किया। इससे तेंदुआ डरकर जबड़ा खोल दिया जिससे नमन की जान बच गई। नमन के गले में गहरी चोटें आईं है और पेट-हाथ पर पंजों के निशान मिले है। पहले भी हो चुकी है घटना
दुधावा क्षेत्र में इस तरह की पहली घटना नहीं है जब घर से किसी बच्चे को
तेंदुआ उठा कर ले गया हो। पिछले वर्ष कोरमुड गांव के बालक को तेंदुवा घर से उठा कर ले गया था दो दिनों के बाद गांव से लगे पहाड़ी में बच्चे का खोपड़ी व अवशेष मिला था। दुधावा में आंगनबाड़ी जा रहा बच्चे के ऊपर भी हमला किया था। ऐसे ने स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। वन विभाग के अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है।