scriptग्रेड सेपरेटर और डबल कॉर्ड लाइन: संरक्षा आयुक्त की हरी झंडी मिलते ही दौड़ेंगी ट्रेनें | Grade separators and double cord lines | Patrika News
कटनी

ग्रेड सेपरेटर और डबल कॉर्ड लाइन: संरक्षा आयुक्त की हरी झंडी मिलते ही दौड़ेंगी ट्रेनें

दो दिन चलेगी सीआरएस का निरीक्षण, स्पीड ट्रायल से होगी परख, एनकेजे यार्ड से खत्म होगा ट्रेनों का दबाव

कटनीJun 20, 2025 / 09:56 pm

balmeek pandey

Grade separators and double cord lines

Grade separators and double cord lines

कटनी. झलवारा से मझगवां फाटक तक बने कटनी ग्रेड सेपरेटर व कटंगी खुर्द में बनाई गई डबल कॉर्ड लाइन का निरीक्षण करने रेल संरक्षा आयुक्त कटनी आ रहे हैं। लगातार दो दिनों तक सीआरएस इन दोनों की बड़े कार्यों का निरीक्षण करेंगे और सुरक्षा की कसौटी पर परखेंगे। सीआरएस के निरीक्षण के बाद हरी झंडी मिलते ही कटनी ग्रेड सेपरेटर के अप ट्रेन व कंटगीखुद में बनाई गई कॉर्ड लाइन से ट्रेनों का आवागमन शुरू हो सकेगा। इससे एनकेजे यार्ड में ट्रेनों का दबाव कम होगा और यहां प्रतिदिन घंटों तक खड़ी हो रही यात्री ट्रेनों की समयावधि में भी सुधार होगा।
जानकारी के अनुसार न्यूकटनी जंक्शन में बन रहे देश के सबसे लंबे रेल फ्लाईओवर (ग्रेड सेपरेटर) में अप ट्रैक का निर्माणकार्य पूरा हो गया है। हाल ही में रेलवे ने एकनेजे में नॉन इंटरलॉकिंग कार्य कराया गया है, जिसमें ग्रेड सेपरेटर को झलवारा, सिंगरौली और मुड़वारा स्टेशन से जोड़ा गया है। इस कार्य में ग्रेड सेपरेटर की लाइन को सिग्नल और प्वाइंट के माध्यम से इंटरलॉक करके जोड़ा गया है, जिससे ग्रेड सेपरटर का अप ट्रेक कटनी- बीना रेलखंड से जुड़ गया है। कटनी ग्रेड सेपरेटर परियोजना की कुल लागत लगभग 1800 करोड़ रुपए है। यह ग्रेड सेपरेटर भारत का सबसे लंबा रेलवे वायाडक्ट बनने जा रहा है, जो न केवल संरचनात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि रेलवे संचालन में भी नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। परियोजना की कुल लंबाई 33.40 किमी है, जिसमें डाउन ग्रेड सेपरेटर 17.52 किमी और अप ग्रेड सेपरेटर 15.85 किमी शामिल हैं। अप साइड1570 फाउंडेशन और 264 पियर्स व डाउन साइड 2592 फाउंडेशन और 425 पियर्स का निर्माण कराया गया है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल माह में रेलवे ने ग्रेड सेपरेटर के अप ट्रेक में कार्य पूरा होने के बाद कटंगी खुर्द स्टेशन से न्यू मझगवां स्टेशन तक रेलगाड़ी का सफल परिचालन किया था।
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इस तरह रहेगा सीआरएस का दौरा

सीआरएस 21 जून को कटनी पहुंचेगे। सबसे पहले कंटगीखुर्द स्टेशन और यार्ड का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद मोटर ट्राली से कॉर्ड लाइन-1 का निरीक्षण, झलवारा स्टेशन यार्ड व मोटर ट्राली से कॉर्ड लाइन -2 का निरीक्षण होगा। निरीक्षण के बाद सीआरएस परखयान से कार्ड लाइन-1 और 2 का स्पीड ट्रायल करेंगे। 22 जून को जबलपुर डिवीजन के रेलवे अधिकारियों व इरकॉन अधिकारियों से चर्चा करेंगे। इसके बाद ग्रेड सेपरेटर के अप लाइन में ट्राली निरीक्षण कर स्पीड ट्रायल करेंगे।

यह है डबल कॉर्ड लाइन


कटनी-बिलासपुर रेलखंड के झलवारा स्टेशन व सिंगरौली रूट पर बने कटंगीखुर्द स्टेशन को जोड़ती हुई अद्र्ध चंद्राकार डबल कॉर्ड लाइन रेलवे द्वारा बनाई गई है। इस कॉर्ड लाइन को ग्रीन सिग्नल मिलते ही यहां से ट्रेनों का आवागमन शुरू हो सकेगा। बिलासपुर की ओर से आने वाली ट्रेनों को सिंगरौली रूट पर जाने के लिए पहले एनकेजे यार्ड पर आना होता है। यहां इंजन बदलने के बाद ही ट्रेनें इस रूट पर रवाना होती है। रेलवे ने अब सिंगरौली रूट पर कंटगीखुर्द स्टेशन व बिलासपुर रूट पर झलवारा स्टेशन को जोड़ते हुए कॉर्ड लाइन का निर्माण किया है। कंटगीखुर्द को इस लाइन से पहले ही जोड़ा जा चुका है तो वहीं कुछ दिनों झलवारा को भी जोड़ा गया है। यह लाइन शुरू होने से ट्रेनों को एनकेजे यार्ड आने की जरूरत नहीं पड़ेगी वे सीधे इस रूट पर रवाना हो सकेंगी।
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कॉर्ड लाइन से यह होगा फायदा

  • अप व डाउन में बिलासपुर की ओर से आ रही ट्रेन रूंपौद से थर्ड लाइन होकर झलवारा होम सिग्नल तक आ सकेंगी।
  • बिलासपुर और ङ्क्षसगरौली दोनों दिशाओं से एक साथ यातायात चल सकेगा।
  • सिंगरौली जाने वाली अप गाडिय़ां बिलासपुर दिशा से सीधे कॉर्ड लाइन होते हुए कंटगीखुर्द निकल जाएंगी।
  • सिंगरौली से आने वाली व बिलासपुर की ओर जाने वाली गाडिय़ां कंटगी खुर्द से होकर सीधे झलवारा की ओर निकल जाएगी, इनको एनकेजे यार्ड नहीं आना पड़ेगा।

ग्रेड सेपरेटर परियोजना से यह होंगे फायदे

  • बीना-कटनी रेल खंड में मालगाडिय़ों की संख्या और गति में वृद्धि होगी।
  • कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन जुड़ जाएगी, जिससे न्यू कटनी, कटनी मुड़वारा जैसे व्यस्त क्षेत्रों को बायपास किया जा सकेगा।
  • माल यातायात में वृद्धि के कारण फ्रेट ट्रेनों के संचालन समय में कमी आएगी और यातायात आसान होगा।
  • पश्चिम मध्य रेल के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

ग्रेड सेपरेटर के डाउन ट्रैक पर धीमा कार्य

जानकारी के अनुसार ग्रेड सेपरेटर में डाउन ट्रेक पर लबाई 17.52 किमी है। अप ट्रेक की तरह डाउन में कार्य अबतक रफ्तार नहीं पकड़ सका है। बताया जा रहा है कि डाउन ट्रेक पर कार्य पूरा होने में करीब 8 माह का समय लग सकता है। हालांकि अफसरों का कहना है कि सीआरएस की अनुमति पर अप ट्रेक से ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा और इसके बाद डाउन ट्रेक में भी तेजी से कार्य होगा। फिलहाल डाउन ट्रेक में बनाए गए पिलर्स पर स्पॉन रखने का कार्य किया जा रहा है। बारिश के मौसम में कार्य बुरी तरह से प्रभावित होने की संभावना है और करीब चार माह तक कार्य बंद होने की आशंका है।

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