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कटनी

अपराध पर नियंत्रण का दावा फेल, 428 मामले लंबित, 236 में अबतक चालान पेश नहीं कर पाई पुलिस

Many crimes pending in Katni district

कटनीJan 15, 2025 / 10:02 pm

balmeek pandey

तीन साल में करीब साढ़े चार हजार मामले दर्ज

एक चौथाई मामले हुए निस्तारित

सबसे ज्यादा अपहरण, धोखाधड़ी, एक्सीडेंट के मामले लंबित, अपहरण के मामलों में भी पीछे कार्रवाई

कटनी. जिले में अपराधों की रोकथाम और निराकरण के दावों के बावजूद संगीन मामलों में कमी नहीं दिख रही है। पुलिस महकमा भले ही अपराधों की संख्या में कमी का दावा कर वाहवाही बटोर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। जिले में अब भी कई गंभीर अपराधों का न तो समाधान हुआ है और ना ही उनके चालान न्यायालय में पेश किए गए हैं। पुलिस महकमे को संगीन अपराधों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी। चालान पेश करने की प्रक्रिया तेज कर न्यायालय में मामलों का निराकरण सुनिश्चित करना जरूरी है, ताकि अपराधियों को सजा मिल सके और कानून-व्यवस्था पर जनता का विश्वास बहाल हो।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 में भारतीय दंड विधान की संहिता (आईपीसी) और विशेष अधिनियमों के तहत जिले में कुल 9192 प्रकरण दर्ज हुए हैं। इनमें से 428 प्रकरण अब भी लंबित हैं, जिनमें 236 प्रकरणों का चालान न्यायालय में पेश नहीं किया गया है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, 428 संगीन मामले ऐसे हैं जो सालभर में भी आगे नहीं बढ़ पाए।
लंबित मामलों की यह है स्थिति
जिले में हत्या के 9 प्रकरण, हत्या के प्रयास के 3 प्रकरण, बलात्कार व छेड़छाड़ के 5-5 प्रकरण, अपहरण के 112 प्रकरण, डकैती 1 प्रकरण, लूट 3 मामले, चोरी के 28 मामले, नकबजनी के 21 प्रकरण, धोखाधड़ी के 95 प्रकरण, सडक़ दुर्घटना के 36 प्रकरण, आत्महत्या का एक, अन्य भादंवि के 89 प्रकरण, एनडीपीएस एक्ट के 5 प्रकरण, आबकारी एक्ट के 2 प्रकरण, लघु अधिनियम के 4 प्रकरण सहित अन्य प्रकरण ऐसे हैं जो अबतक निराकृत नहीं हो पाए।
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अपराध नियंत्रण पर सवाल
साल के आखिरी में पुलिस भले ही अपराधों के अधिकतम निकाल में पीठ थपथपा रही हो, लेकिन इन आंकड़ों से साफ है कि पुलिस की कार्यप्रणाली संगीन अपराधों में खोखली साबित हो रही है। हत्या, बलात्कार, और अपहरण जैसे संगीन मामलों में भी न्यायालय में चालान पेश करने में देरी हो रही है, जो न्याय प्रक्रिया को बाधित कर रही है। पुलिस अधिकारी अपराधों के निराकरण में बेहतरी का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले साल की तुलना में लंबित प्रकरणों की संख्या कम हुई है, और कई बड़े अपराधों का समाधान किया गया है।
खास-खास:

  • 183 प्रकरण 2024 के पूर्व के हैं जिले के थानों में दर्ज।
  • 4004 प्रकरण 2024 में भादंवि के तहत हैं दर्ज।
  • 5188 प्रकरण 2024 में लघु अधिनियम के तहत हैं दर्ज।
  • 9192 कुल प्रकरण दर्ज हैं जिले के 17 थानों में।
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यह है जिले के थानों में दर्ज अपराधों की स्थिति
थाना प्रकरण लंबित प्रकरण लंबित चालान

एनकेजे 532 41 17
कोतवाली 966 65 30
कुठला 960 36 21
महिला 41 03 06
माधवनगर 1050 80 59
रंगनाथनगर 356 32 25
अजाक 16 02 08
ढीमरखेड़ा 534 03 06
बहोरीबंद 462 12 12
बाकल 442 11 01
स्लीमनाबाद 707 40 08
उमरियापान 378 09 00
बरही 639 23 14
कैमोर 386 13 00
विगढ़ 590 08 04
बड़वारा 660 33 15
रीठी 473 17 10

योग 9192 428 236

जिले में यह है गंभीर अपराधों में लंबित व लंबित चालान की स्थिति

  • 09 हत्या
  • 03 हत्या का प्रयास
  • 05 बलात्कार
  • 05 छेड़छाड़
  • 112 अपहरण
  • 01 डकैती
  • 03 लूट
  • 28 चोरी
  • 21 नकबजनी
  • 95 धोखाधड़ी
  • 36 एक्सीडेंट
  • 01 आत्महत्या दुष्प्रेरण
  • 09 एससी-एसटी
  • 89 अन्य भादंवि
  • 05 एनडीपीएस एक्ट
  • 02 आबकारी
  • 04 अन्य लघु अधिनियम

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