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Sky lightning: आकाशीय बिजली गिरने से शिक्षक की मौत, चौक पर खड़े होकर बारिश बंद होने का कर रहा था इंतजार दरअसल पूरा मामला पंडरिया ब्लाक के सुदूर वनाचल ग्राम पंचायत कांदावानी के आश्रित गांव ठेंगाटोला का है। जहां के निवासी अमर सिंह पिता दल सिंह की गुरुवार को दोपहर आकाशीय
बिजली की चपेट में आने से बेहोश हो गया था। फिर घर के लोग पारपिरक तरीके से अनाज में दबाकर रखे थे। होश आने पर 108 की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुकदूर ले गया। जहां हालत ज्यादा खराब होने के चलते पंडरिया रेफर किया गया। उसके बाद जिला अस्पताल से रायपुर डीके अस्पताल किया गया था । इसी बीच इलाज के दौरान शनिवार रात को उसकी मौत हो गई। मौत के बाद भी उसके भाई रामसिंह को काफी परेशान होना पड़ा।
स्वास्थ्य से जुड़े कर्मचारी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए पैसे की मांग कर रहे थे। जिन्हें परिवार की ओर से करीब दो हजार भी देने की बात कही गई है। बावजूद इसके रविवार को भी पोस्टमार्टम नही किया गया था। मीडिया को पता चलने पर सोशल मीडिया में खबर वायरल हुआ। तो सोमवार को तुरंत पोस्टमार्टम की गई। जिसके बाद बैगा युवक का शव उसके गृहग्राम भेजा गया। सोमवार को पहुंचने के बाद मृतक अमर सिंह का अंतिम संस्कार ईसाई धर्म के आधार पर की गई है।
बैगा समाज के राज्य अध्यक्ष इतवारी माछीया ने बताया कि बैगा समाज में एक्सीडेंट और बीमार से मौत होने पर शरीर को जलाया जाता है, लेकिन समाज से अलग हट कर दफना दिया गया है। वह भी ईसाई धर्म के नियमों के मुताबिक । मृतक के दाह संस्कार के लिए ईसाई धर्म के स्थानीय लोग गए थे। समाज के लोगों ने इससे दूरी बनाई थी।
पूरे वनांचल क्षेत्र में धर्म परिवर्तन तेजी से किया जा रहा है। लोगों की बीमारी ठीक करने का आश्वासन दिया जाता है। बैगा समाज में जो धर्म परिवर्तन करते हैं, उसको समाज से बहिस्कृत माना जाता है। सामाजिक कार्यक्रम जैसे छट्टी, विवाह आदि समारोह में नहीं बुलाते हैं। अगर शामिल होना चाहते हैं तो एक नारियल और अगरबती लेकर समाज बीच माफी मांगता है। तब शामिल किया जाता है।
प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन सही नहीं स्वेच्छा से कोई करता है, तो कोई बात नहीं, लेकिन किसी तरह के प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराना सही नहीं है। जिस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
धर्म परिवर्तन की मिलती है शिकायतें जिले के वनांचल क्षेत्र में धर्म परिवर्तन की शिकायतें मिलती ही रहती है। गांव-गांव प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है। कई जगहों से शिकायत भी मिलती है, लेकिन जितनी प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए। नहीं हो पाता है, यही वजह है कि उनके समाज के लोगों को पता नहीं रहता है और उनके परिवार, रिश्तेदार धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। जिस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। बैगा जनजाति विशेष संरक्षित जनजाति है, जिनका नसबंदी नहीं किया जा सकता है, उनका धर्म विशेष के लोग धर्म परिवर्तन करा रहे हैं।