scriptSuccess Story: पिता का कर्ज चुकाने नाव चलाने वाली बेटी बन गई ‘अफसर’ | Success Story Kaveri Dhimar drove boat to pay father debt got job in Indian Navy | Patrika News
खंडवा

Success Story: पिता का कर्ज चुकाने नाव चलाने वाली बेटी बन गई ‘अफसर’

Success Story: नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर बांध में गरीबी में नाव चलाने वाली बेटी की स्पोर्ट्स कोटे से नेवी में लगी नौकरी…।

खंडवाFeb 28, 2025 / 07:53 pm

Shailendra Sharma

khandwa kaveri
Success Story: एक बेटी जो पिता का कर्ज चुकाने के लिए नाव चलाती थी वो अपनी मेहनत और लगन से नेवी में शामिल हो गई है और अब देश की सेवा करेगी। ये कहानी है मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली कावेरी ढ़ीमर की…कावेरी का चयन इंडियन नेवी में हो गया है और जब पहली बार बेटी नेवी की वर्दी में वापस अपने घर पहुंची तो उसे देखकर माता-पिता की आंखों में आंसू छलक आए। माता-पिता ने कहा कि बेटी ने हमारा कर्ज उतार दिया।
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पिता का कर्ज चुकाने चलाती थी नाव


खंडवा जिले की पुनासा तहसील के सिंगाजी गांव की रहने वाली कावेरी ढ़ीमर नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर में पिता का कर्ज चुकाने के लिए नाव चलाती थी। पिता के कर्ज चुकाने के लिए नाव चलाने वाली कावेरी की जिंदगी ने साल 2016 में करवट ली। तब खंडवा जिले के तत्कालीन स्पोर्ट्स ऑफिसर जोसेफ बक्सला ने जब कावेरी और उसकी दो बहनों को नाव चलाते देखा तो उनके हुनर को पहचान गए।

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स्पोर्ट्स एकेडमी में आने के बाद बदली जिंदगी


स्पोर्ट्स टीचर जोसेफ बक्सला ने कावेरी ढ़ीमर और उनकी दोनों बहनों का स्पोर्ट्स एकेडमी भोपाल भेज दिया। यहां कावेरी ने विदेशी खेल कैनोइंग की प्रैक्टिस शुरू की और जल्द ही महारत हासिल कर ली। कावेरी ने कैनोइंग में एमपी का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। उसने नेशनल चैंपियनशिप में 45 गोल्ड, 6 सिल्वर व 3 ब्रांज मेडल जीते। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उसे 11 लख रुपए का इनाम भी दिया था।

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बेटी को देख छलके माता-पिता के आंसू


कावेरी ढ़ीमर का स्पोर्ट्स कोटे से इंडियन नेवी में चयन हो गया। अब इंडियन नेवी ज्वाइन करने के बाद जब कावेरी अपने गांव लौटी तो उसे उसकी कामयाबी पर पूरे गांव ने बधाई दी। माता-पिता ने जब बेटी को नेवी की वर्दी में देखा तो उनके आंसू छलक गए। कावेरी की सफलता ने माता-पिता का सिर गर्व से उठा दिया है। मां ने बेटी का तिलक लगाकर स्वागत करते हुए कहा कि बेटी ने हमारा कर्ज उतार दिया है।

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