Kota: भीषण गर्मी के कारण अस्पताल परिसर में लगी आग, उठी 10 फीट ऊंची लपटें
Fire Broke Out: करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि आग की सूचना पर दो दमकल को रवाना किया गया।
Kota MBS Hospital Fire: एमबीएस अस्पताल परिसर के अदालत से लगते हिस्से में गुरुवार दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब दीवार के पास रखी लकड़ी की बल्लियों और फंटों में अचानक आग लग गई। भीषण गर्मी और तेज हवा के कारण आग की लपटें 10 फीट तक ऊंची उठने लगीं। घटना दोपहर करीब 3 बजे की है, जब स्थानीय दुकानदारों ने धुआं उठते देखा। अस्पताल की दीवार से सटे डॉक्टर्स क्वार्टर्स के कारण इलाके में दहशत फैल गई। आग को बढ़ता देख स्थानीय लोगों ने होटल से पाइप और बाल्टियों की मदद से आग बुझाने की कोशिश की। देखते ही देखते आग पास के पेड़ तक फैल गई और उसे भी चपेट में ले लिया।
सूचना पर कलक्ट्रेट और नगर निगम की दमकल मौके पर पहुंची। करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि आग की सूचना पर दो दमकल को रवाना किया गया। अस्पताल की नई बिल्डिंग निर्माण के बाद ठेकेदार ने बल्लियां और फंटे वहीं छोड़ दिए थे। साथ ही, पेड़ों की टूटी टहनियां और सूखे पत्तों का कचरा भी वहां जमा था, इससे आग तेजी से फैली। अच्छी बात यह रही कि आग अस्पताल परिसर स्थित जीएसएस तक नहीं पहुंची। अग्निशमन की टीम ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।
कार्मिकों को दिए आग से बचाव के टिप्स
वहीं कोटा के जेके लोन अस्पताल में शुक्रवार को आग से बचाव और आपात स्थिति से निपटने के लिए लाइव डेमो दिया गया। इस दौरान अस्पताल स्टाफ को आग लगने की स्थिति में तुरंत क्या कदम उठाने चाहिए, इसकी जानकारी दी गई। मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास के निर्देश पर अस्पताल परिसर में लगे फायर इक्विपमेंट की जांच की गई। उन्होंने पाया कि कुछ स्थानों पर होज रील नहीं लगी हुई थी, जिसे तुरंत लगाने के निर्देश दिए गए।
व्यास ने बताया कि आग लगने की स्थिति में सबसे पहले मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, साथ ही फायर इक्विपमेंट का सही ढंग से इस्तेमाल करने के बारे में बताया गया। अस्पताल अधीक्षक डॉ. निर्मला शर्मा ने बताया कि इस डेमो में गार्ड, नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर सहित समस्त अस्पताल कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें बताया गया कि कैसे फायर एक्सटिंग्विशर का उपयोग करें, आग की स्थिति में घबराए नहीं और मरीजों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। यह अभ्यास अस्पताल की आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।