राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा में पात्र लोगों के नाम जोड़ने और अपात्रों के सूची से नाम हटाने के लिए अभियान चला रखा है। खाद्य विभाग ने खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन करने तथा अपात्रों को खुद नाम हटवाने के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन सुविधा दे रखी है। पोर्टल पर बड़ी संख्या में अपात्र लोगों ने भी आवेदन कर दिया।
सरकार ने जिला स्तर पर आवेदन पत्रों की जांच के लिए कमेटी गठित कर रखी है। कमेटी ने अलग-अलग कारणों से अब तक दस लाख से अधिक आवेदन लौटा दिए हैं, जबकि 9.67 लाख आवेदनों को पात्रता श्रेणी में मानते हुए एप्रूव्ड कर दिया है।
खाद्य एवं नागरिक विभाग ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम में 31 मई तक के पुराने और नए आवेदनों की पोर्टल पर रैंकिंग जारी कर दी है। इसके अनुसार 31 मई तक कुल 28 लाख 635 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से प्रारिम्भक जांच के बाद 86,396 आवेदनों को निरस्त कर दिया है। 10 लाख 11 हजार 39 आवेदन खामियों के चलते लौटा दिए हैं, जबकि 9 लाख 67 हजार 190 आवेदन को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रता सूची में जोड़ने के लिए एप्रूव्ड कर दिया है।
सीएम की तल्खी के बाद आवेदनों का निस्तारण : पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टरों और जिला रसद अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान क्लास ली। उन्होंने खाद्य सुरक्षा के आवेदनों की पेंडेंसी पर तल्खी दिखाते हुए निस्तारण के निर्देश दिए थे। इसके बाद सीडीओ, बीडीओ, ईओ ने अपने-अपने क्षेत्र के आवेदन पत्रों के निस्तारण में तेजी दिखाई।
राज्य सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप कोटा जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के तहत पात्र लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने का कार्य निरंतर जारी है। योजना के विस्तार और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हाल ही चलाए गए अभियानों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। कोटा जिले में अब तक कुल 66,505 यूनिटों (व्यक्तियों) को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जोड़ा जा चुका है, जिन्हें पात्रता अनुसार सीधा लाभ प्रदान किया जाएगा।