KOTA: ICICI बैंक की महिला कर्मचारी को चढ़ा शेयर मार्केट का चस्का, 100+ अकाउंट से निकाल लिए करोड़ों रुपए, गिरफ्तार
Kota Sakshi Gupta: आरोपी महिला साक्षी गुप्ता ने 41 बुजुर्गों के 110 खातों से लगभग 4.58 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की और उस रकम को शेयर बाजार में निवेश कर दिया।
Rajasthan Fraud Bank Employee: कोटा के उद्योग नगर थाना क्षेत्र स्थित श्रीरामनगर स्थित आईसीआईसीआई बैंक शाखा में कार्यरत महिला कर्मचारी ने बुजुर्ग खाताधारकों को निशाना बनाकर करोड़ों रुपए की ठगी कर डाली। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी महिला साक्षी गुप्ता ने 41 बुजुर्गों के 110 खातों से लगभग 4.58 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की और उस रकम को शेयर बाजार में निवेश कर दिया।
बैंक अधिकारियों के अनुसार, साक्षी ने ’यूचर एफडी’ लिंक का दुरुपयोग करते हुए खातों से गुपचुप तरीके से धनराशि निकाली, लेकिन शेयर बाजार में उसे भारी नुकसान हो गया। बैंक प्रबंधन को जब इस गड़बड़ी की जानकारी मिली तो उन्होंने आंतरिक जांच करवाई और इसके आधार पर उद्योग नगर थाने में मामला दर्ज करवाया। आईसीआईसीआई बैंक के मैनेजर तरुण दाधीच ने 18 फरवरी को इस संबंध में रिपोर्ट दी थी, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए साक्षी गुप्ता को गिरफ्तार किया।
साक्षी मूल रूप से रावतभाटा की निवासी है और वर्तमान में कोटा में रह रही थी। पुलिस के अनुसार, दो दिन पहले उसकी बहन की शादी हुई थी और इसी शादी समारोह से साक्षी को गिरफ्तार किया गया।
उद्योग नगर थानाधिकारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि 31 तारीख को आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया। पूछताछ के दौरान जब उसके अपराध की पुष्टि हुई, तो उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे।
पुलिस फिलहाल यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी महिला अकेले यह घोटाला कर पाई या बैंक के भीतर से किसी की मिलीभगत भी इसमें शामिल थी। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।
उपभोक्ताओं को नहीं होगी आर्थिक हानि : बैंक
एफआईआर के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक ने स्पष्ट किया है कि ग्राहकों के सभी वास्तविक दावों का निपटान कर दिया गया है और किसी भी उपभोक्ता को इस घोटाले से आर्थिक हानि नहीं उठानी पड़ेगी। बैंक ने उपभोक्ता हित को सर्वोपरि बताते हुए रिफंड की प्रक्रिया को प्राथमिकता से पूरा किया है।
एफडी को समय पहले किया बंद
पुलिस एफआईआर के अनुसार साक्षी ने बैंकिंग प्रणाली का दुरुपयोग करते हुए खाताधारकों की जानकारी के बिना फिक्स्ड डिपॉजिट को समय से पहले बंद कर, ओवरड्राट सुविधाएं चालू कर और डिजिटल बैंकिंग माध्यमों जैसे इंस्टा कियोस्क व इंटरनेट बैंकिंग के ज़रिए रकम को अपने व परिवारजनों के खातों में ट्रांसफर किया।
जांच में पता चला कि 3.22 करोड़ की रकम एक वरिष्ठ नागरिक हेमवती साहू के खाते में जमा कराई, जिसे ’पूल खाता’ बनाकर अन्य ग्राहकों से ठगी की गई राशि इसमें भेजी गई। साक्षी ने ओटीपी और एसएमएस अलर्ट को अपने परिवारजनों के मोबाइल नंबरों पर डायवर्ट करने के लिए 19 खातों के मोबाइल नंबर भी बदले। इसके अलावा, उसने फर्जी एफडी रसीदें, यूचुअल फंड स्टेटमेंट में हेराफेरी और गलत विवरण के साथ लेनदेन को वैध दिखाने की कोशिश की। ठगी गई राशि को डीमैट खातों के माध्यम से शेयर बाजार में हाई रिस्क वाले ऑप्शंस व यूचर्स ट्रेडिंग में भी लगाया गया।